श्रावस्ती : (मानवी मीडिया) जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने विकास खण्ड इकौना के अन्तर्गत गोआश्रय स्थल अकबरपुर का आकस्मिक निरीक्षण कर जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चन्नी, भूसा, पानी, प्रकाश तथा जल निकासी आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया। गौशाला में पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के उपरान्त हरे चारे की उपलब्धता न पाये जाने पर केन्द्र प्रभारी को कड़ी फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पशुओं के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिन्हित भूमि पर नैपियर घास उगायी जाए, ताकि पशुओं को हरा चारा मिलता रहे। शेड का निर्माण मानक के अनुरूप न पाये जाने पर निर्देशित किया कि गोवांशों के लिए छाया हेतु शेड का निर्माण मानक के अनुसार कराया जाए। उन्होने कहा कि गौशाला में संरक्षित पशुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसका सम्बन्धित अधिकारीगण विशेष ध्यान रखे। उन्होने संबंधित अधिकारियों से टीकाकरण व ईयर टैगिंग के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होने यह भी कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में कोई भी गोवंश के अस्वस्थ्य होने की सूचना मिलती है तो सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारी उनका इलाज भी सुनिश्चित करें।
श्रावस्ती : (मानवी मीडिया) जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने विकास खण्ड इकौना के अन्तर्गत गोआश्रय स्थल अकबरपुर का आकस्मिक निरीक्षण कर जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चन्नी, भूसा, पानी, प्रकाश तथा जल निकासी आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया। गौशाला में पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के उपरान्त हरे चारे की उपलब्धता न पाये जाने पर केन्द्र प्रभारी को कड़ी फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पशुओं के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिन्हित भूमि पर नैपियर घास उगायी जाए, ताकि पशुओं को हरा चारा मिलता रहे। शेड का निर्माण मानक के अनुरूप न पाये जाने पर निर्देशित किया कि गोवांशों के लिए छाया हेतु शेड का निर्माण मानक के अनुसार कराया जाए। उन्होने कहा कि गौशाला में संरक्षित पशुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसका सम्बन्धित अधिकारीगण विशेष ध्यान रखे। उन्होने संबंधित अधिकारियों से टीकाकरण व ईयर टैगिंग के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होने यह भी कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में कोई भी गोवंश के अस्वस्थ्य होने की सूचना मिलती है तो सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारी उनका इलाज भी सुनिश्चित करें।