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Saturday, April 27, 2024

के जी एम यू , लखनऊ में प्रथम एनुवल कॉन्क्लेव हेमेटोलॉजी आयोजन


लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश हेमेटोलॉजी ग्रुप  के तत्वावधान में  दिनाँक 27 एवम 28 अप्रैल 2024 को अटल बिहारी बाजपेयी कन्वेंशन सेंटर के जी एम यू , लखनऊ  में प्रथम एनुवल  कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। 

यह आयोजन  कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद के कुशल नेतृत्व में  प्रो ऐके त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है। 

आयोजक सचिव डॉ एस पी वर्मा ने बताया कि कॉन्क्लेव की थीम --  "एक्सप्लोरिंग इमर्जिंग कॉन्सेप्टस इन  हेमेटोलॉजी" है।इस कॉन्क्लेव में देश के 30 प्रसिद्ध हीमेटोलॉजिस्ट सहभागिता कर रहे है। जिनमे डॉ आर के जेना, डॉ विजय तिलक डॉ एम बी अग्रवाल, डॉ देवदत्त बासु, डॉ पंकज मल्होत्रा, डॉ तूफान कान्ति दोलई इत्यादि होंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से  200 से ज्यादा डेलीगेट्स  सहभागिता कर रहे है।

 कॉन्क्लेव में हेमेटोलॉजी से सम्बंधित लिम्फोमा, मायलोमा, एनीमिया, ब्लीडिंग, एप्लास्टिक एनीमिया इत्यादि विषयो पर उपचार से संबंधित व्याख्यान होंगे। 

आज प्रथम सत्र में ब्लड कैंसर के उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा हुई  पॉन्डिचेरी से आये हुए डॉ देवदत्त बासु ने बताया  आज ब्लड कैंसर के उपचार में बहुत सी ऐसी दवाएं उपलब्ध है जिनको मरीज घर पर सामान्य दवाओं की तरह ले सकता है। नई जनरेशन  वाली दवाएं भी आ रही है जो कि बहुत ही कारगर है। 

सी एम एल/सी एल एल ऐसे ब्लड कैंसर है, जो कि दवाओं से काफी हद तक कंट्रोल हो जाते है। मरीज सामान्य जीवन जीता है।  

पॉन्डिचेरी से आये डॉ देवदत्त बासु बताते है ऐसे ही अन्य मायलो प्रोलीफेरेटिव नियोप्लासम में भी अब दवाएं उपलब्ध है।  

कोलकाता से आयी डॉ तूफानी कान्ति दोलई ने बताया ब्लड कैंसर के उपचार में डायग्नोसिस महत्वपूर्ण होती है उसी के आधार पर उपचार का तरीका निर्धारित किया जाता है। बोनमैरो की जांच अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 

चंडीगढ़ से आये डॉ पंकज मल्होत्रा कहते है सी एल एल का  उपचार  ओरल ट्रीटमेंट के द्वारा किया जा सकता है। इसमें कुछ मरीजो को बाद  में  दवाइयों की जरूरत नही पड़ती।

प्रो ऐके त्रिपाठी ओरेशन में मुम्बई के प्रो एम बी अग्रवाल ने प्लेटलेट्स की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी 2-3 माइक्रोन की कोशिका की हमारे जीवन मे बहुत उपयोगिता है।  उन्होंने बताया कि प्लेटलेट्स की कमी अक्सर गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करती है।

प्रथम सत्र में ही डी एम कर रहे हेमेटोलॉजी स्टूडेंट्स के बीच क्विज का आयोजन हुआ  जिसमें पी जी आई और केजीएमयू की टीमों ने भाग लिया। जिसमे पी जी आई कि टीम विजयी रही।

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