नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) ओलंपिक का टिकट पक्का कर चुके भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों को अपनी मानसिकता में सुधार कर यह सोचने की जरूरत है कि वे किसी ने कम नहीं है क्योंकि देश में एथलीटों के लिए सुविधाएं और फंडिंग कभी भी इतनी बेहतर नहीं थी। जेना ने टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के समर्थन से पांच फरवरी से 10 मार्च तक गोल्ड कोस्ट में 35-दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लिया। उन्होंने कहा कि गोल्ड कोस्ट में प्रशिक्षण के अनुकूल मौसम के अलावा ऐसा कुछ भी नहीं था जो भारत में नहीं मिले। जेना ने कहा, हमारे पास यहां सब कुछ है, मैंने एनआईएस पटियाला में प्रशिक्षण लिया जहां सुविधाएं विश्व स्तरीय और ऑस्ट्रेलिया जितनी अच्छी हैं। खेल मंत्रालय, साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) द्वारा मेरी बहुत अच्छी देखभाल की गई है, टॉप्स से वित्तीय मदद मिल रही है।
ओडिशा में पुरी के पास कोठासाही गांव के किसान के सात बच्चों में से सबसे छोटे जेना ने साइ द्वारा आयोजित साक्षात्कार में कहा, कमी है तो हम में (एथलीटों में), हमारी मानसिकता में, इस मानसिकता में कि हम दुनिया में किसी भी अन्य की तरह अच्छे हैं। हम हालांकि इस मोर्चे पर भी सुधार कर रहे हैं। उनका लक्ष्य आगामी पेरिस ओलंपिक में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। एशियाई खेलों के रजत पदक को लगता है कि वह डायमंड लीग में शीर्ष तीन में जगह बनाकर भारतीयों के विशिष्ठ क्लब में शामिल हो सकते हैं। जेना ने पिछले साल अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 78.05 मीटर से बढ़ाकर 87.54 मीटर (एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाला प्रदर्शन) किया था। वह 10 मई को प्रतिष्ठित डायमंड लीग के दोहा चरण से अपने सत्र की शुरुआत करेंगे। वह 28 मई को ओस्ट्रावा, चेक गणराज्य में गोल्डन स्पाइक और सात जुलाई को डायमंड लीग के पेरिस चरण में भाग लेंगे।