लखनऊ (मानवी मीडिया) दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की छवि पिछले एक दशक में वैश्विक लीडर के रूप में उभरी है। जब वैश्विक महामारी कोविड के दुष्परिणामों से जूझ रहे साधन संपन्न पश्चात्य देशों को आर्थिक मंदी ओर औद्योगिक असंतुलन से गुजर रहे थे, ऐसे मुश्किल हालातों में भारत में चिकित्सा, शिक्षा, स्वस्थ्य, इनफ्रास्ट्रक्चर में लगातार वृद्धि कर रहा था, वहीं देश के 140 करोड़ के साथ-साथ अमेरिका समेत दुनिया के बड़े और दिग्गज देशों को कोविड वैक्सिन, चिकित्सीय उपकरण एवं स्वास्थ्य सेवाएं देकर मिसाल कायम की। आज पूरा विश्व भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है।
इस नए भारत में वर्तमान सरकार की विदेश नीति, नई शिक्षा नीति- 2020, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, एक दर्जन से अधिक एम्स, 200 से ज्यादा चिकित्सा संस्थानों के निर्माण, सड़क यातायात, इनफ्रास्ट्रक्चर, फै्रंडली नीतियों की वजह से निवेश तथा उद्यमियों के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। जिसके चलते विदेशी कंपनियां भारत में अपनी जमीन तलाशने का मजबूर हो रही हैं। इससे गत् दस वर्षों में देश की दिशा और दशा बदली है। हमारा भारत हर क्षेत्र में नई ऊंचाईयों के साथ विकास की नई पटकथा लिख रहा है। देश में भारी निवेश के साथ रोजगार के अपार अवसर मिल रहे हैं। इससे युवाओं का भविष्य संवर रहा है।
एन.एस.ओ. (राष्ट्रीय सांख्किय कार्यालय) की रिपोर्ट के अनुसार देश में गरीबी का सत्र पांच फीसदी कम हो गया है। जो देश के लिए अच्छी खबर है। ग्यारह वर्षों के अंतराल एन.एस.ओ. की रिपोर्ट के अनुसार अब आम आदमी भोजन से ज्यादा कपड़े, मोबाईल, टीवी और मनोरंजन के साधनों पर लोग खर्चा कर रहे हैं।
आज सरकार की दो उपलब्धियां मेरे मन को अहलादित करती हैं... जिसमें पहला प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में पूरे दुनियां में भारत का इकबाल स्थापित करना / बुलंद होना और दूसरा देश के भीतर ’’भारत भी कर सकता है’’ कि भावना का संचार होना। अब सब चलता है वाला दृष्टिकोण भूतकाल के गर्त में है। अपने अनुभव के आधार पर मैं यह दावे से कह सकता हूं कि मई 2014 से पहले भारतीय नेतृत्व जिस पराजित व गुलामी की मानसिकता से ग्रसित था वह अब इसकी जकड़ से बाहर निकलने लगा है। यह मोदी की सरकार की राजनैतिक इच्छाशक्ति व दृष्टिकोण से भी रेखांकित होता है।
मुझें स्मरण है कि 1990 के दशक में भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) की बैठक में तत्कालीन वित्त सचिव मोटेक सिंह अहुवालिया ने उद्योगपतियों को कहा था कि हमारे देश में पूंजी, प्रोेद्योगिकी ओर उद्यमियता का अभाव है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कहना कि सेंट्रल एक रूपया भेजता है तो नीचे के व्यक्ति तक 15 पैसे पहुंचता है। मुझे लगता है कि तत्कालीन शासन व्यवस्था के इसी निराशावादी परिपेक्षता में देश को आत्मनिर्भर नहीं बनने दिया।
मोदी सरकार की ही देन है कि ’’मेक इन इंडिया’’ को बढ़ावा देने हेतु सैन्य महत्व वाले 928 वस्तुओं के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगा, वहीं "आत्मनिर्भर भारत" का प्रभाव है कि सरकारी आंकड़े के अनुसार 2022-23 में भारत का वस्तुओं का निर्यात 770 बिलियन अमेरिकी डाॅलर हो गया। सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते भारत ने यूनिकार्न स्टार्टअप की संख्या 9 वर्षाें में 350 से बढ़कर 90 हजार हो गयी। तो एप्पल जैसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कपंनियां भारत में अपना नया ठिकाना बना हैं। भारत इस समय "सकल घरेलू उत्पाद" के आधार पर दुनियां की पांचवीं तो "क्रय शक्ति" के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
जहां तक मैं पाता हूं स्वतंत्र भारत की पहली ऐसी सरकार है जिसका शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार रूपी दीमक से मुक्त है। मोदी सरकार से पहले विकास कार्यों में लेकर देश की स्थिति क्या थी रोज ही कोई नया घोटाला और लाखों करोड़ों का नुकसान देश बदहाली में जी रहा था । सड़कें गड्ढों में थी और शहरों में 8 से 10 घंटे लाइट हुआ करती थी। कांग्रेस के सभी घोटालों की लिस्ट क्या है ? जैसे प्रश्न के उत्तर में तो एक किताब छापनी पड़ेगी। अगर एक उदाहरण के जरिए समझा जाए। रोबर्ट वाड्रा प्रियंका गांधी की शादी से पूर्व जहां दस बीघा जमीन का मालिक नहीं था वहां आज रोबर्ट वाड्रा के पास 10 करोड़ किसानों से ज्यादा जमीन होने का अनुमान है। अगर घोटालों की बात करें तो कोयला आवंटन घोटाला (1.8 लाख करोड़) का नुकसान, काॅमन गेम्स घोटाला (70 हजार करोड़) के खर्च में 50 प्रतिशत का नुकसान, 2-जी टेलीकोम या स्पेक्ट्रम घोटाला (1.76 लाख करोड़) का नुकसान, बोफोर्स घोटाला (1.60 लाख डाॅलर) की रिश्वत, सत्यम घोटाला (1400 करोड़) का नुकसान, चारा घोटाला (900 करोड़) का नुकसान, हवाला स्कैण्डल (100 करोड़) का नुकसान, स्टाॅक मार्किट घोटाला 1992 मंे (400 करोड़) के घोटाले का निवेशक कभी नहीं भूल पाएंगे। इसके साथ शारदा चिट फंड, नौकरी के लिए भूमि, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला, वक्फ बोर्ड लैण्ड घोटाला, तेलगी घोटाला आदि- आदि।
इस पृष्ठभूमि में क्या अरबों रूपये की लागत पर बन रहे राष्ट्रीय राजमार्गों, हवाई अड्डों, नया संसद भवन, भारत मंडपम, प्रधानमंत्री संघालय से साथ सेंट्रल विस्टा आदि के निर्माण में क्या किसी प्रकार की घूसखोरी का आरोप लगा या उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठा ? तभी कह पाता हूं कि भारत का शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार से मुक्त है।
यह मोदी सरकार की आतंकवाद की विरोधी नीति का कारण है कि पाकिस्तान हद में है । पिछले 10 वर्षों में कश्मीर में छोड़कर शेष भारत में कोई जेहादी हमला नहीं हुआ । सेना के पथराव के लिए कुख्यात कश्मीर घाटी में पर्यटकों की भरमार है।
देशहित को केंद्र में रखकर रूस-यूक्रेन युद्ध और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर अमेरिका और पश्चिम देशों के घौंसपन से भारत उन्हीं की भाषा में जवाब देता है। जो वर्तमान सरकार अपने पूर्ववर्तित सरकारों से बीस है।
आज पूरी दुनिया लीडरशिप के लिए जूझ रही है, तरस रही है, कोई उनकी समस्याओं को एड्रेस करने वाला लीडर नहीं है । जब कि भारत के पास स्ट्रांग लीडर है और सभी उसकी तरफ देख रहे हैं। आज दुनिया के किसी भी देश के पास लीडरशिप नहीं है, चाहे अमेरिका हो, फ्रांस हो या जर्मनी । वहीं नरेंद्र मोदी जी अपने अथक प्रयासों से देश को जहां आर्थिक, मजबूत और समृद्ध बना रहे हैं वहीं हिंदुओं को जाति और धर्म से ऊपर उठा कर देश और राष्ट्र के लिए एक कर दिया है। उन्होंने भारत को 15-20 साल के लिए अपने नेतृत्व में जहां लीडरशिप दी है वहीं एक से बढ़ कर एक सेकंड लाइन ऑफ लीडरशिप, थर्ड लाइन ऑफ लीडरशिप, इवन फोर्थ लाइन ऑफ लीडरशिप भी तैयार कर दी है, जैसे कि अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा शर्मा, के. अन्ना मलाई जैसे ईमानदार लीडर्स को ला रहे हैं ।
मैं आज पूर्व सरकार के काम-काज को लेकर सोचता हूं तो कहता हूं :
किसने सोचा था कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए की गई नोटबंदी तो भारत में होगी और कंगाल पाकिस्तान हो जायेगा (भुखमरी और बदहाली तो आप सब देख ही रहे हो)।
- किसने सोचा था कि पुलवामा के आतंकी हमले को लेकर आतंकवादियों को भारत सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक के द्वारा पाकिस्तान के घर में घुसकर मारेगा। और देश का जाबांज हीरो पाकिस्तान की आर्मी की कैद से रिहा होकर भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के विंग कमांडर रहे अभिनंदन वर्धमान मूछों पर ताव देता हुआ बाहर आया तो देश में जिसके मूंछ नहीं थी उसने भी मूछों पर ताव देते हुए गर्व से कहा वाह मोदी जी ...
- किसने सोचा था कि पांच सौ वर्षों से लंबित पड़ा राममंदिर का भव्य स्वरूप हमारी generation को देखने को मिलेगा । काशी विश्वनाथ, उज्जैन का महाकाल व मां विध्यांवासिनी की मंदिर की संकरी गलियां काॅरिडोर में परिवर्तित होगी तथा हर महत्वपूर्ण मंदिर का भव्य विस्तार होगा।
- किसने सोचा था कि कश्मीर से धारा 370 हटेगा, आतंक हारेगा और धूमधाम से अंतर्राष्ट्रीय आयोजन संपन्न होगा।
- किसने सोचा था दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण भारत में होगा। लौह पुरूष सरदार पटेल की विरासत का सही गुणगान होगा।
- किसने सोचा था कि "भारत मेक इन इंडिया" के द्वारा आयुध हथियार निर्यात करने लगेगा।
- किसने सोचा था कि देश से देश से तीन तलाक का अंत होगा और मुस्लिम महिलाओं इस मानसिक वेदना से मुक्ति मिलेगी।
- किसने सोचा था कि भारत .. रूस- यूक्रेन और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान भारतीयों के साथ- साथ विदेशी नागरिकों के जान का बचाव करेगा भारत।
- किसने सोचा था कि कोविड कार्यकाल में भारत अपने 140 करोड़ लोगों के टीकाकरण के साथ छोटे और असहाय देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर मददगार साबित होगा।
- किसने सोचा था कि विश्व व्यवस्था में भारत नेतृत्व करेगा, जब दुनिया खेमों में बंटी होगी तो भारत सबको जोड़ेगा।
मुझ जैसा एक आम आदमी आज इस बात पर प्रसन्न हो जाता है कि देश से गुलामी के प्रतीक चिन्हों, सड़कों, जिलों और इमारतों के नामों कोे मोदी सरकार हटाकर गर्व से भरे देश के इतिहास और किरदारों और के नामो से बदलने का प्रयास कर रही है : जैसे इंडिया गेट पर जार्ज पंचम द्वितीय की मूर्ति को हटाकर नेता सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति को स्थापित करना। नौसेना के झण्डे पर गुलामी के प्रतीक रेडक्राॅस को हटा दिया।
मित्रों, आज बदले देश को लोग महसूस कर रहें हैं, बदले हुए हालातों में कहीं बम नहीं फटता, देश-प्रदेश की समृद्ध विकास यात्रा, राममंदिर का निर्माण, सैनिकों की तनरक्षित वर्दियां और हथियार का सुसज्जीकरण, नए आयुद्ध से सुसज्जित सेना, खेलों में सामानों की उपलब्धता, देश में बढ़ते चिकित्सा संस्थान और एम्स, हिम्मत और हौंसलों की दास्तान, युवाओं का स्किल डवल्पमैंट, कारोबारी सफलता, भारत में 554 अमृत स्टेश्नों की नींव बता रही है कि युवाओं का सपना, मोदी का संकल्प यही विकसित भारत की उड़ान है।
👏🏻 *प्रो. (डॉ.) आर. के. सिंह* - हॉर्टिकल्चर विभाग, सी. सी. आर. (पी.जी.) कालेज; मुज़फ्फरनगर (उ.प्र.)
*प्रांतीय अध्यक्ष,* भारत विकास परिषद हस्तिनापुर विकास रत्न प्रांत; NCR -1 (आर.एस.एस. का अनुषांगिक संगठन) ...
*ज़िला संयोजक,* विद्या भारती विद्वत परिषद मुजफ्फरनगर..
*President,* हिंद एग्री हॉर्टिकल्चरल सोसायटी
*संपादक,* ▪️ *राष्ट्रीय कृषि*
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