छत्तीसगढ़ : (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के विरासत कर वाले बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि “आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी. कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा. कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी.”सैम पित्रोदा के बयान पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा में कहा, “कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं. शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार ने कुछ समय पहले कहा था कि मिडिल क्लास पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए. अब ये लोग इससे भी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं.” पीएम ने आगे कहा कि अब कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत कर लगाएगी. माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी.पीएम मोदी ने आगे कहा कि “आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं,
वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी, बल्कि कांग्रेस सरकार का पंजा उसे भी आपसे छीन लेगा. यानि कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी.” पीएम ने आगे कहा कि जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे, तो वो आप पर विरासत कर का बोझ लाद देगी. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, वो लोग नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी संपत्ति दे. बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी सभा को सम्बोधित करने के लिए पहुंचे हैं. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर कहा है, “अमेरिका में विरासत कर लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है.
55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी. ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है.” सैम पित्रोदा ने आगे ये भी कहा है कि “भारत में आपके पास ऐसा नहीं है. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता. इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी. मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के रीडिस्ट्रीब्यूशन के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में.”