उन्नाव : (मानवी मीडिया) जिला अस्पताल में लगातार मरीजों को बाहर से दवाइयां लिखने व स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही बरतने का की शिकायतें आ रही थी जबकि शासन के सख्त निर्देश हैं कि कोई भी डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं नहीं लिखेगा। सोमवार को एक शिकायतकर्ता की सूचना पर डीएम व सीडीओ अचानक जिला अस्पताल पहुंचे और ओपीडी में मौजूद डॉक्टर के दस्तावेज खंगाले। करीब डेढ़ घंटे तक चले औचक निरीक्षण में तमाम खामियां मिली। डीएम ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर करवाई की बात कही है। बता दें, जिला अस्पताल कि विगत काफी दिनों से डीएम गौरांग राठी के पास शिकायतें आ रही थी। सोमवार को दवा लेने पहुंचे आनंद सोनी नाम के मरीज ने डॉक्टर को दिखाया। बीमारी बताने के बाद डॉक्टरों ने पर्ची पर बाहर की दवा लिख दी। जब उसने इस बात का विरोध किया तो डॉक्टर ने अनसुना कर बाहर कर दिया। परेशान मरीज ने इस बात की जानकारी डीएम गौरांग राठी को दी। इसके बाद डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और मुख्य विकास अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा के साथ सीधे औचक निरीक्षण करने जिला अस्पताल पहुंचे, जहां अस्पताल परिसर में चल रही ओपीडी कक्ष में डॉक्टर के रजिस्टर चेक कर बाहर से लिखी जा रही दवाइयां की गंभीरता से जांच पड़ताल की। निरीक्षण करने के बाद वह खून की जांच विभाग में पहुंचे जहां मरीजों की लंबी लाइन देखकर उनसे वार्ता की। इस दौरान मरीजों ने स्टाफ पर नाराजगी जाहिर की। लैब टेक्नीशियन राम सूजन से खून की जांचों को लेकर जानकारी हासिल की, जिसमें वह संतुष्ट जवाब नहीं दे सके। डीएम के द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में हड़कम्प मचा रहा। सीएमओ के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर कहने की बात को लेकर आज दावों की पोल खुल गयी। डीएम गौरांग राठी ने बताया कि निरीक्षण किया गया है। तमाम खामियां मिली है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के लिये एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जायेगी।
उन्नाव : (मानवी मीडिया) जिला अस्पताल में लगातार मरीजों को बाहर से दवाइयां लिखने व स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही बरतने का की शिकायतें आ रही थी जबकि शासन के सख्त निर्देश हैं कि कोई भी डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं नहीं लिखेगा। सोमवार को एक शिकायतकर्ता की सूचना पर डीएम व सीडीओ अचानक जिला अस्पताल पहुंचे और ओपीडी में मौजूद डॉक्टर के दस्तावेज खंगाले। करीब डेढ़ घंटे तक चले औचक निरीक्षण में तमाम खामियां मिली। डीएम ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर करवाई की बात कही है। बता दें, जिला अस्पताल कि विगत काफी दिनों से डीएम गौरांग राठी के पास शिकायतें आ रही थी। सोमवार को दवा लेने पहुंचे आनंद सोनी नाम के मरीज ने डॉक्टर को दिखाया। बीमारी बताने के बाद डॉक्टरों ने पर्ची पर बाहर की दवा लिख दी। जब उसने इस बात का विरोध किया तो डॉक्टर ने अनसुना कर बाहर कर दिया। परेशान मरीज ने इस बात की जानकारी डीएम गौरांग राठी को दी। इसके बाद डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और मुख्य विकास अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा के साथ सीधे औचक निरीक्षण करने जिला अस्पताल पहुंचे, जहां अस्पताल परिसर में चल रही ओपीडी कक्ष में डॉक्टर के रजिस्टर चेक कर बाहर से लिखी जा रही दवाइयां की गंभीरता से जांच पड़ताल की। निरीक्षण करने के बाद वह खून की जांच विभाग में पहुंचे जहां मरीजों की लंबी लाइन देखकर उनसे वार्ता की। इस दौरान मरीजों ने स्टाफ पर नाराजगी जाहिर की। लैब टेक्नीशियन राम सूजन से खून की जांचों को लेकर जानकारी हासिल की, जिसमें वह संतुष्ट जवाब नहीं दे सके। डीएम के द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में हड़कम्प मचा रहा। सीएमओ के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर कहने की बात को लेकर आज दावों की पोल खुल गयी। डीएम गौरांग राठी ने बताया कि निरीक्षण किया गया है। तमाम खामियां मिली है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के लिये एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जायेगी।