कानपुर : (मानवी मीडिया) मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गये हैं, खासकर मोबाइल के बिना हम एक मिनट भी गुजारना पसंद नहीं करते। ऑफिस के कामों से लेकर पढ़ाई तक मोबाइल पर होती है। मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल शरीर के लिए नुकसानदायक है। इससे निकलने वाला रेडिएशन आंखों के साथ ही दिमाग को भी प्रभावित करता है, जिससे ब्रेन कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है। जीएसवीएसएस पीजीआई के न्यूरो सांइस विभाग में प्रतिमाह 15 से 20 मरीज ऐसे पहुंचते हैं जो सुबह नींद खुलते ही सिर दर्द, उसके बाद चक्कर आना व उल्टी होना आदि लक्षण बताते हैं। जब तब उल्टी नहीं होती, तब तक सिरदर्द में आराम नहीं मिलता। इसको आम सिरदर्द, माइग्रेन या हेडेक नहीं समझना चाहिए।
न्यूरो सर्जन डॉ.राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से लोगों में यह समस्या बढ़ी है। ब्रेन कैंसर दो प्रकार के होते हैं। एक बिनाइन ट्यूमर (बिना कैंसर वाले) और दूसरा मेलिग्नेंट (कैंसर वाले) ट्यूमर होते हैं।
बिनाइन ट्यूमर समय पर जांच-इलाज से ठीक हो जाता है। जबकि मेलिग्नेंट ट्यूमर घातक होते हैं। अगर रोज सुबह सिरदर्द के साथ नींद खुले, चक्कर व उल्टी आए तो व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए। आंख में धुंधलापन, बोली में अंतर व बेहोशी आने पर भी जांच कराएं।
कैंसर वाले ट्यूमर में भी बचती जान
न्यूरो सर्जन डॉ.राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मेलिग्नेंट ट्यूमर भले ही कैंसर वाले हैं मगर, इनका भी इलाज है। अक्सर डॉक्टर इन्हें ज्यादा खतरनाक बता देते हैं। ऐसे में मरीज जिंदगी की आशा छोड़कर जड़ी-बूटी से इलाज में जुट जाता है। इस दौरान ट्यूमर का आकार बढ़ता जाता है। मरीजों को जीने की आस बिल्कुल नहीं छोड़नी चाहिए और न्यूरो सर्जन से परामर्श कराना चाहिए। ऑपरेशन, कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी से मरीज का इलाज किया जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के संभावित लक्षण
- सुबह उठने पर सिर में तेज दर्द
- जी मचलाना या उल्टी होना
- आंख से एक ही चीज दो-दो दिखाई देना
- शरीर का संतुलन बिगड़ना
- बोलने में दिक्कत होना
- बेवजह चक्कर आना