उ0प्र0 में पहली बार हुई ऐसी जटिल सर्जरी - मानवी मीडिया

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Thursday, April 4, 2024

उ0प्र0 में पहली बार हुई ऐसी जटिल सर्जरी


लखनऊ : (मानवी मीडिया) डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बेहोशी के हालत में पहुंचे 62 वर्षीय मरीज की जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने जान बचा ली है। मरीज के ब्रेन में खून की गांठ थी, जो फट गई थी। समय पर सर्जरी न होती तो मरीज की जान भी जा सकती थी। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी  प्रो. दीपक कुमार सिंह ने नई तकनीक का इस्तेमाल कर जटिल सर्जरी की है।

इस तकनीक का यूपी में पहली बार इस्तेमाल हुआ है। इतना ही नहीं इस तकनीक से हुई सर्जरी के चलते मरीज को जीवन भर खून पतला करने की दवा भी नहीं खानी पड़ेगी। दरअसल, गोण्डा निवासी लड्डन वेग (62) को करीब 9 दिन पूर्व परिजन बेहोशी के हालत में लोहिया संस्थान लेकर पहुंचे थे। न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी प्रो. दीपक कुमार सिंह ने मरीज को देखने के बाद तत्काल सर्जरी का फैसला लिया और जांच कराई। 

जांच में मरीज के ब्रेन में रक्तस्राव हो रहा था। रक्तस्राव की वजह ब्रेन में खून की गांठ का फट जाना था। डॉ. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गांठ का मुंह बहुत चौड़ा था। सर्जरी के लिए प्रचलित विधि का प्रयोग करने से मरीज को लाभ होने की संभावना कम थी, दो स्टेंट डाल कर सर्जरी की प्रक्रिया पूरी की जाती, तो मरीज को जीवन भर खून पतला करने की दवा खानी पड़ती। ऐसे में नेक स्टेंट डिवाइस डालने का फैसला किया गया। यह डिवाइस तस्तरी नुमा होती है जो गांठ के मुंह पर फिट बैठ जाती है। यूपी में इस तकनीक का पहली बार सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किया गया है। मरीज की सर्जरी सफल रही। इतना ही नहीं इस तकनीक से हुये इलाज के चलते मरीज को खून पतला करने की दवा भी नहीं खानी पड़ेगी।

6 से 7 केस हर महीने आ रहे

लोहिया संस्थान में इस बीमारी से पीड़ित 6 से 7 मरीज हर महीने आ रहे हैं। नेक स्टेंट डिवाइस से इलाज करने में खर्च में कोई बढ़ोतरी नहीं होती। सामान्य सर्जरी और इस तकनीक से की गई सर्जरी में खर्च करीब 5 लाख का ही आता है। इतना ही नही मरीज को खून पतला करने के लिए दवाओं का प्रयोग नहीं करना पड़ता। डॉ. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सिगरेट पीना इस बीमारी में काफी खतरनाक होता है। शोध बताते हैं कि इस बीमारी में सिगरेट का सेवन करने से खून की गांठ फटने का खतरा अधिक रहता है।

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