(मानवी मीडिया) : चीन अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक अलग दुनिया बनाने की फिराक में है. इसके लिए ड्रैगन ने शेनझोउ-18 मिशन तैयार किया है. कल गुरुवार रात 8 बजकर 59 मिनट पर इस मिशन को लांच किया जाएगा जो चीन का 32 वां अंतरिक्ष मानव मिशन होगा. यह इस साल चीन का पहला मानव मिशन है, जिसमें तीन अंतरिक्ष यांत्रियों को चीन के स्पेस स्टेशन तियांगोंग भेजा जा रहा है. यह चालक दल वहां 6 माह तक रहेगा. चीन का यह मिशन 2030 तक चांद पर इंसानों को पहुंचाने के लक्ष्य की शुरुआत के तौर पर माना जा रहा है.स्पेस के क्षेत्र में चीन अमेरिका को टक्कर देना चाहता है, इसीलिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से स्थापित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उसने खुद को अलग कर अपना खुद का स्पेस स्टेशन तियांगोंग स्थापित किया था. अब चीन अंतरिक्ष से संबंधित सारे रिसर्च अपने इसी स्पेस स्टेशन में करता है, ताकि वह दुनिया की नजरों से वह सब छिपा सके जो वह करना चाहता है. हाल ही में नासा चीफ बिन नेल्सन ने भी इसकी पुष्टि की थी और दावा किया था कि चीन स्पेस में कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहा है. उन्होंने तो यहां तक दावा किया था कि चीन चांद पर मिलिट्री बेस बनाना चाहता है. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) के उप निदेशक लिन जिकियांग ने चीन के नौंवे अंतरिक्ष दिवस पर शेनझोउ-18 मिशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के 32 वें मानव मिशन में 43 वर्षीय गुआंगफू, 34 वर्षीय ली कांग और 36 वर्षीय ली गुआंगसु पहली बार स्पेस में जाएंगे. चीन का यह इस साल का पहला स्पेस मानव मिशन है. सबसे खास बात ये है कि चीन के स्पेस स्टेशन तियांगोंग पर जाने वाला अंतरिक्ष यात्रियों का सातवां बैच है. यह मिशन चीन के Y18 रॉकेट से लांच किया जाएगा चीन की ओर से दावा किया गया है कि शेनझोउ-18 चालक दल के सदस्य तकरीबन 6 माह तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे और वहां पर कई रिसर्च करेंगे. ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में कार्गों की एंट्री और एग्जिट, स्पेस मलबे से निपटने के उपायों के साथ बाहरी पेलोड और उपकरण स्थापित करने का काम करेंगे. इसके अलावा ये चालक दल अपने साथ घरेलू इन-ऑर्बिट जलीय पारिस्थितिक रिसर्च पर भी काम करेगा. यह वही मिशन होगा, जिसमें चालक दल उस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की कोशिश करेगा जिसमें जेब्राफिश मछली और सेराटोफिलम डेमर्सम पौधा जीवित रह सके. हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के चीफ बिन नेल्सन ने ये दावा किया था कि चीन चांद पर मिलिट्री बेस बनाना चाहता है. अब चीन ने भी ये पुष्टि कर दी है कि वह चांद को ध्यान में रखकर ही ये मिशन लांच कर रहा है. दरअसल नेल्सन ने सार्वजनिक तौर पर ये दावा किया था कि सिविलियन एक्टिविटी की आड़ में चीन अपने स्पेस मिलिट्री प्रोग्राम को छिपाने की कोशिश में है. नेल्सन ने ये भी दावा किया था कि चीन चांद के उस हिस्से में जाना चाहता है जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा. दावा तो ये तक किया गया था चीन चांद के इस हिस्से पर यदि पहले पहुंच जाता है तो वह वह कब्जा कर लेगा.
(मानवी मीडिया) : चीन अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक अलग दुनिया बनाने की फिराक में है. इसके लिए ड्रैगन ने शेनझोउ-18 मिशन तैयार किया है. कल गुरुवार रात 8 बजकर 59 मिनट पर इस मिशन को लांच किया जाएगा जो चीन का 32 वां अंतरिक्ष मानव मिशन होगा. यह इस साल चीन का पहला मानव मिशन है, जिसमें तीन अंतरिक्ष यांत्रियों को चीन के स्पेस स्टेशन तियांगोंग भेजा जा रहा है. यह चालक दल वहां 6 माह तक रहेगा. चीन का यह मिशन 2030 तक चांद पर इंसानों को पहुंचाने के लक्ष्य की शुरुआत के तौर पर माना जा रहा है.स्पेस के क्षेत्र में चीन अमेरिका को टक्कर देना चाहता है, इसीलिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से स्थापित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उसने खुद को अलग कर अपना खुद का स्पेस स्टेशन तियांगोंग स्थापित किया था. अब चीन अंतरिक्ष से संबंधित सारे रिसर्च अपने इसी स्पेस स्टेशन में करता है, ताकि वह दुनिया की नजरों से वह सब छिपा सके जो वह करना चाहता है. हाल ही में नासा चीफ बिन नेल्सन ने भी इसकी पुष्टि की थी और दावा किया था कि चीन स्पेस में कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहा है. उन्होंने तो यहां तक दावा किया था कि चीन चांद पर मिलिट्री बेस बनाना चाहता है. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) के उप निदेशक लिन जिकियांग ने चीन के नौंवे अंतरिक्ष दिवस पर शेनझोउ-18 मिशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन के 32 वें मानव मिशन में 43 वर्षीय गुआंगफू, 34 वर्षीय ली कांग और 36 वर्षीय ली गुआंगसु पहली बार स्पेस में जाएंगे. चीन का यह इस साल का पहला स्पेस मानव मिशन है. सबसे खास बात ये है कि चीन के स्पेस स्टेशन तियांगोंग पर जाने वाला अंतरिक्ष यात्रियों का सातवां बैच है. यह मिशन चीन के Y18 रॉकेट से लांच किया जाएगा चीन की ओर से दावा किया गया है कि शेनझोउ-18 चालक दल के सदस्य तकरीबन 6 माह तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे और वहां पर कई रिसर्च करेंगे. ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन में कार्गों की एंट्री और एग्जिट, स्पेस मलबे से निपटने के उपायों के साथ बाहरी पेलोड और उपकरण स्थापित करने का काम करेंगे. इसके अलावा ये चालक दल अपने साथ घरेलू इन-ऑर्बिट जलीय पारिस्थितिक रिसर्च पर भी काम करेगा. यह वही मिशन होगा, जिसमें चालक दल उस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की कोशिश करेगा जिसमें जेब्राफिश मछली और सेराटोफिलम डेमर्सम पौधा जीवित रह सके. हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के चीफ बिन नेल्सन ने ये दावा किया था कि चीन चांद पर मिलिट्री बेस बनाना चाहता है. अब चीन ने भी ये पुष्टि कर दी है कि वह चांद को ध्यान में रखकर ही ये मिशन लांच कर रहा है. दरअसल नेल्सन ने सार्वजनिक तौर पर ये दावा किया था कि सिविलियन एक्टिविटी की आड़ में चीन अपने स्पेस मिलिट्री प्रोग्राम को छिपाने की कोशिश में है. नेल्सन ने ये भी दावा किया था कि चीन चांद के उस हिस्से में जाना चाहता है जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा. दावा तो ये तक किया गया था चीन चांद के इस हिस्से पर यदि पहले पहुंच जाता है तो वह वह कब्जा कर लेगा.