कानपुर : (मानवी मीडिया) गर्मी में ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की हालत खराब कर रही है। होली और समर स्पेशन ट्रेनों के अलावा दरभंगा से नई दिल्ली, मालदा टाउन स्पेशल समेत आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें देरी से चल रही हैं। आउटर से पहले खड़ी ट्रेनों में यात्रियों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। इस समय होली और गर्मी स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। अधिकांश ट्रेनें लंबे रूट की हैं। इस समय गर्मी भी बेहाल करने लगी है। ऐसे में ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की परेशानी बनी है। शुक्रवार को नई दिल्ली से मालदा टाउन स्पेशल 7:15 घंटे देरी से आई। इसके अलावा 18309 संबलपुर जम्मू तवी एक्सप्रेस छह घंटे, 02569 दरभंगा से नई दिल्ली स्पेशल चार घंटे और 02563 बरौनी से नई दिल्ली स्पेशल चार घंटे लेट रही। इन ट्रेनों के अलावा अन्य भी ट्रेनें हैं जो आठ से दस घंटे देरी से चल रही हैं। यात्रियों की शिकायत है कि स्टापेज न होने के बावजूद ट्रेनों को रोक दिया जाता है। आउटर से पहले ट्रेनें रोक दी जाती हैं। जहां पानी तक नहीं मिलता है। सबसे ज्यादा दिक्कत साधारण डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों को होती है। इस बारे में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्पेशल ट्रेनें चलाने पर लोड बढ़ता है। सुपरफास्ट ट्रेनों को निकालने के लिए अन्य ट्रेनों को रोकना पड़ता है।
कानपुर : (मानवी मीडिया) गर्मी में ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की हालत खराब कर रही है। होली और समर स्पेशन ट्रेनों के अलावा दरभंगा से नई दिल्ली, मालदा टाउन स्पेशल समेत आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें देरी से चल रही हैं। आउटर से पहले खड़ी ट्रेनों में यात्रियों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। इस समय होली और गर्मी स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। अधिकांश ट्रेनें लंबे रूट की हैं। इस समय गर्मी भी बेहाल करने लगी है। ऐसे में ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की परेशानी बनी है। शुक्रवार को नई दिल्ली से मालदा टाउन स्पेशल 7:15 घंटे देरी से आई। इसके अलावा 18309 संबलपुर जम्मू तवी एक्सप्रेस छह घंटे, 02569 दरभंगा से नई दिल्ली स्पेशल चार घंटे और 02563 बरौनी से नई दिल्ली स्पेशल चार घंटे लेट रही। इन ट्रेनों के अलावा अन्य भी ट्रेनें हैं जो आठ से दस घंटे देरी से चल रही हैं। यात्रियों की शिकायत है कि स्टापेज न होने के बावजूद ट्रेनों को रोक दिया जाता है। आउटर से पहले ट्रेनें रोक दी जाती हैं। जहां पानी तक नहीं मिलता है। सबसे ज्यादा दिक्कत साधारण डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों को होती है। इस बारे में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्पेशल ट्रेनें चलाने पर लोड बढ़ता है। सुपरफास्ट ट्रेनों को निकालने के लिए अन्य ट्रेनों को रोकना पड़ता है।