प्योंगयांग : (मानवी मीडिया) उत्तर कोरिया ने मध्यवर्ती दूरी की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने नव-विकसित हाइपरसोनिक और ग्लाइडिंग वारहेड से भरी हुई मध्यवर्ती दूरी की ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल (जिसे ह्वासोंगफो-16बी कहा जाता है) का मंगलवार को प्रक्षेपण किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल को प्योंगयांग के बाहरी इलाके में सेना की एक इकाई के प्रशिक्षण क्षेत्र में उत्तर-पूर्व की ओर प्रक्षेपित किया गया। कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी पानी में सटीक तरीके से गिरने से पहले मिसाइल से अलग होने के बाद हाइपरसोनिक ग्लाइडिंग वॉरहेड तय समय के अनुसार एक हजार किलोमीटर लंबी उड़ान भरी और 101.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपने पहले शिखर और 72.3 किलोमीटर की ऊंचाई पर दूसरे शिखर पर पहुंच गया। बताया गया है कि इस परीक्षण से पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मिसाइल को देश के रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने वाला एक और शक्तिशाली रणनीतिक आक्रामक हथियार बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के लिए सबसे जरुरी काम दुश्मनों को रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम जबरदस्त शक्ति विकसित करना है। उन्होंने जोर दिया कि रक्षा विज्ञान क्षेत्र को अपनी क्षमता में लगातार सुधार के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए।
प्योंगयांग : (मानवी मीडिया) उत्तर कोरिया ने मध्यवर्ती दूरी की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने नव-विकसित हाइपरसोनिक और ग्लाइडिंग वारहेड से भरी हुई मध्यवर्ती दूरी की ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल (जिसे ह्वासोंगफो-16बी कहा जाता है) का मंगलवार को प्रक्षेपण किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल को प्योंगयांग के बाहरी इलाके में सेना की एक इकाई के प्रशिक्षण क्षेत्र में उत्तर-पूर्व की ओर प्रक्षेपित किया गया। कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी पानी में सटीक तरीके से गिरने से पहले मिसाइल से अलग होने के बाद हाइपरसोनिक ग्लाइडिंग वॉरहेड तय समय के अनुसार एक हजार किलोमीटर लंबी उड़ान भरी और 101.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर अपने पहले शिखर और 72.3 किलोमीटर की ऊंचाई पर दूसरे शिखर पर पहुंच गया। बताया गया है कि इस परीक्षण से पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मिसाइल को देश के रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने वाला एक और शक्तिशाली रणनीतिक आक्रामक हथियार बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के लिए सबसे जरुरी काम दुश्मनों को रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम जबरदस्त शक्ति विकसित करना है। उन्होंने जोर दिया कि रक्षा विज्ञान क्षेत्र को अपनी क्षमता में लगातार सुधार के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए।