लखनऊ।( मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और संगीत नाटक अकादमी-संस्कृति विभाग, उ.प्र. की ओर से रामोत्सव के अन्तर्गत वाजिद अली शाह “अवध महोत्सव” 1 से 5 अप्रैल तक गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के परिसर में भव्य स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। कला, संस्कृति और विरासत के इस महा संगम में गायन और नृत्य प्रस्तुतियों के साथ ही रंगोली और पतंगबाजी, अवधी परिधान, शतरंज प्रतियोगिता के साथ ही इक्का-तांगा दौड़, हेरिटेज वॉक, पुतुल नाट्य उत्सव किस्सागोई और अवधी व्यंजन मेले का भी लुत्फ उठाया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अवध महोत्सव में अयोध्या के राम मंदिर से लेकर अवध के खानपान तक को सुंदरतापूर्वक समाहित किया गया है वह सराहनीय है। इससे निश्चित रूप से न केवल युवा पीढ़ी को अपनी उन्नत धरोहर का ज्ञान होगा, बल्कि उस पर गर्व का अहसास भी होगा। अवध महोत्सव स्मृतियों को ताजा करने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित यूपी दर्शन पार्क का भी उल्लेख किया, जिसमें कबाड़ से उत्तर प्रदेश के एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थलों की झांकी तैयार की गई है।
अवध महोत्सव में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.माडवी सिंह और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर, संस्कृति निदेशालय के अमित कुमार अग्निहोत्री, रीनू रंगभारती, तुहिन द्विवेदी, निदेशक लोक कला अतुल द्विवेदी सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अलका निवेदन ने किया।
अवध महोत्सव के पहले दिन सोमवार एक अप्रैल को स्थानीय कथक केन्द्र की कथक प्रस्तुति, रामपुर के उस्ताद सखावत हुसैन का गजल गायन, मुम्बई के अभिजीत घोषाल का भजन गायन और जालंधर के मास्टर सलीम का सूफी गायन हुआ। इसके साथ ही परिसर में अयोध्या से आमंत्रित लोक कलाकारों ने फरुवाही लोक नृत्य पेश किया। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम अकादमी परिसर के मुक्ताकाशी अस्थायी मंच पर शाम छह बजे से हो रहे हैं।
अवध महोत्सव के सांस्कृतिक संध्या का आगाज रामपुर के उस्ताद सखावत हुसैन के गजल गायन से हुई। उसमें उन्होंने रसिया ने कैसा जादू डाला रे सुनाया। इस क्रम में उन्होंने “तुमने जीने की जो दुआ की है कौन से जुल्म की सजा दी है” सुनाकर तालियां बटोरीं।
होलिकोत्सव की उमंग को अवध महोत्सव में सराहनीय रूप से समेटते हुए स्थानीय कथक केन्द्र के कलाकारों ने “फाग रंग” की सतरंगी प्रस्तुति दी। इसमें राग बसंत एक ताल में निबद्ध रचना “फुलवा बीनत डारि डारि” देखते ही बनी। इसके साथ ही “जब फागुन रंग झमकते हो”, “लाल गोपाल गुलाल हमारी”, “म्हारा सांवरिया घिर आयो री” के बाद कलाकारों ने “कन्हैया घर चलू गुइयाँ आज खेलें होरी” पर होली भी खेली। श्रुति शर्मा के निर्देशन में हुई इस प्रस्तुति में संगीत निर्देशन और गायन कमलाकांत ने किया। संगत कलाकारों में तबला वादन पार्थ प्रतिम मुखर्जी, सितार वादन डॉ.नवीन मिश्रा, बांसुरी वादन दीपेन्द्र कुंवर और ढोलक वादक रवि किया जबकि पढ़ंत का दायित्व नीता जोशी ने निभाया वहीं रूप सज्जा कार शहीर और सचिन रहे। कलाकारों के दल में प्रियम यादव, शरण्या शुक्ला, सृष्टि प्रताप, विधि जोशी, अदिति जायसवाल, ऐशनी पाठक, गौरी शुक्ला, विदुषी शुक्ला, सान्वी सक्सेना, मानवी वर्मा, वैष्णवी अग्निहोत्री, मीनल वर्मा शामिल रहें।
परिसर में शहंशाह आलम खान की सजीव शहनाई मंगल ध्वनि गूंज रही थी दूसरी ओर मेले परिसर में रूमी गेट से लेकर गांव के दृश्य तक के सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। मेले में अवध के व्यंजनों में शामिल चाट, जलेबी, लस्सी, ठंडाई आदि का भी आगंतुक आनंद ले रहे हैं। इसके साथ ही स्पेशल फ्रूट रबड़ी चरखा कुल्फी आकर्षण का केन्द्र बन रही है।
रंगोली प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी की ओर से 1 अप्रैल को करवायी गई। इसमें लखनऊ आर्ट्स कॉलेज के दल में शामिल विवेकानंद रजक, सौरभ अग्रवाल, रवि वर्मा, संजीव सिंह, सूरज कुमार ने मयूर, मछलियों के जोड़े के साथ अयोध्या में प्रतिष्ठित प्रभु राम की छवि को रंगोली में उकेरा था वहीं टैक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दल में शामिल कोमल सिंह चौहान, माही गुप्ता, एश्वर्या शर्मा, ऋचा वर्मा, सोनम वर्मा ने धनुष बाण, दीपक के साथ प्रभु राम का मुखाकृति रंगोली में उकेरी थी। गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीस के दल में शामिल श्वेता उपाध्याय, राज सिंह, आर्यन, ऋद्धि, शालिनी ने अवध महोत्सव की पुष्प रंगोली सुंदरता के साथ उकेरी। अकादमी परिसर में अयोध्या से आमंत्रित विजय यादव के फरुवाही लोक नृत्य का प्रभावी प्रदर्शन किया।
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इस क्रम में मंगलवार 02 अप्रैल, को इन्दौर से आमंत्रित पद्मश्री पुरु दाधीच का कथक नृत्य, लखनऊ के हिमांशु बाजपेई की किस्सागोई, मुम्बई की आकांक्षा त्रिपाठी का गायन और जालंधर के अनादि मिश्रा का सूफी गायन केन्द्रीय आकर्षण होगा। इसके साथ ही परिसर में बांदा से आमंत्रित लोक कलाकार पाई डंडा लोक नृत्य पेश करेंगे।
इसके बाद बुधवार तीन अप्रैल को गाजियाबाद की समीक्षा शर्मा का कथक नृत्य, लखनऊ के अग्निहोत्री बंधु का गजल गायन और राजस्थान की बतुल बेगम का सूफी गायन होगा वहीं परिसर में झांसी से आमंत्रित लोक कलाकार राई नृत्य पेश करेंगे।
गुरुवार चार अप्रैल को नोएडा की शिखा खरे का कथक नृत्य, मीरजापुर की पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव का कजरी गायन, मुम्बई के रामशंकर का सूफी गायन और मुम्बई की ही स्नेहा शंकर की बॉलीवुड नाइट होगी वहीं मथुरा से आमंत्रित लोक कलाकार मयूर नृत्य पेश करेंगे।
अंतिम दिन शुक्रवार पांच अप्रैल को लखनऊ के डॉ.पवन कुमार का वाद्य वृंद, लखनऊ के शिवम मिश्रा का गायन, मथुरा की वंदना की लोक प्रस्तुति बृज के रंग, मुम्बई के रूप कुमार राठौर-सोनाली राठौर का गजल गायन होगा वहीं अयोध्या से आमंत्रित लोक कलाकार अवधी लोक नृत्य पेश करेंगे।
*अन्य आकर्षण के अंतर्गत*
• शतरंज प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में अनिल कुमार रायजादा के संयोजन में 02 से 05 अप्रैल तक पूर्वाह्न 10 बजे से शाम 4:00 बजे तक आयोजित की जा रही है।
• हेरिटेज वॉक 2 अप्रैल को सुबह छह बजे से डॉ. रवि भट्ट के संयोजन में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा से प्रारम्भ होगी।
• इक्का तांगा दौड़, लखनऊ विश्वविद्यालय से नदवा तक जुग्गन खान के संयोजन में 03 अप्रैल को सुबह 6:00 बजे से होगी।
• पतंगबाजी, नादरगंज मैदान में राजेश कुमार जायसवाल ऑक्सीजन मेन के संयोजन में 04 अप्रैल को पूर्वाह्न 11:00 बजे से होगी।
• अवधी व्यंजनों की प्रतियोगिता अकादमी परिसर में शेफ डॉ. इज्जत हुसैन के संयोजन में 05 अप्रैल को शाम 04:00 बजे से होगी।
• अवधी परिधान प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में निधि श्रीवास्तव के संयोजन में 03 से 05 अप्रैल तक होगी।
• अवधी व्यंजन एवं अवधी शिल्प मेला, अकादमी परिसर में प्रतिदिन शाम 05:00 बजे से होगा।