कोरिया एवं श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल का स्वागत , भारत व कोरिया के मध्य संबंधों पर परिचर्चा का आयोजन - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, March 13, 2024

कोरिया एवं श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल का स्वागत , भारत व कोरिया के मध्य संबंधों पर परिचर्चा का आयोजन


लखनऊ : (
मानवी मीडियाअंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आज दिनांक 13-03-2024 को कोरिया एवं श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल का स्वागत, अभिनन्दन समारोह एवं भारत व कोरिया के मध्य संबंधों पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं बुद्ध वंदना के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोरिया के परम पावन यिमदाम सियू ईयू ह्यून थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता  हरगोविंद बौद्ध, का० अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ ने की। इनके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में कोरिया की मा० डॉ० ली ओके ही, वेन बोगेओम (डॉ० ली ची- रान) के साथ कोरिया व श्रीलंका के बौद्ध विद्वानों का प्रतिनिधि मण्डल तथा सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के भंते डॉ० चंद्रकिर्ती तथा डॉ० हीरो हितो व संस्थान के सदस्य गण भदंत धमानंद विवेचन, भिक्षु देवानंद वर्धन, भिक्षु शील रतन, तरुणेश बौद्ध, निदेशक संस्थान डॉक्टर राकेश सिंह  अरुणेश, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह जी सहित बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु, विभिन्न विद्यालयों से आये छात्र-छात्राएं, अध्यापक, गणमान्य नागरिक एवं बौद्ध

विद्वान तथा पत्रकार बंधु उपस्थित थे। परम पावन यिमदाम सियू ईयू ह्यून ने कोरिया के जर्नल 
अफेयर्स के जोग्ये आर्डर के प्रमुख के रूप में कार्य किया है। कोरिया में बौद्ध धर्म पुनरुद्धार में
आपका महत्वपूर्ण योगदान है। भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को आध्यामिक रूप से पोषित करने में आपके द्वारा अनेक कार्य किये गए है। कोरिया की मा० डॉ० ली ओके ही भारत और कोरिया के बीच बौद्ध धर्म के उत्थान विशेष रूप से सांस्कृतिक संवर्धन के लिए सतत प्रयासरत हैं। वेन बोगेओम (डॉ० ली ची- रान) बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। परिचर्चा में भारत और कोरिया के संबंधो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चतुर्थ शताब्दी के उत्तरार्ध में बौद्ध मत का प्रवेश कोरिया में हुआ। 


11वीं शताब्दी तक 
कोरिया में बौद्ध धर्म धार्मिक जीवन का आधार बन गया। इस परिचर्चा में अयोध्या की राजकुमारी तथा दक्षिण कोरिया के राजकुमार के वैवाहिक संबंधो पर भी प्रकाश डाला गया साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान तथा विश्व बौद्ध नेटवर्क, दक्षिण कोरिया के मध्य शिक्षण कार्य एवं अनुसन्धान को बढावा देने के लिए शीघ्र ही एमओयू किया जायेगा। कोरिया एवं श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल ने शांति उपवन बौद्ध बिहार, आलमबाग, लखनऊ का भी भ्रमण किया। बौद्ध संस्थान द्वारा कोरिया के परम पावन यिमदाम सियू ईयू ह्यून सहित अतिथियों का अभिनन्दन एवं आभार सहित सम्मान किया गया। 
अंत में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह ने संस्थान की गतिविधियों पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में आए हुए कोरिया एवं श्रीलंका के प्रतिनिधि मंडल, गणमान्य अतिथियों, बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार
व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

Post Top Ad