लखनऊ : (मानवी मीडिया) सिरदर्द, बुखार, गर्दन में जकड़न, उल्टी और चेतना में परिवर्तन हो रहा है तो यह मस्तिष्क टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों के साथ कभी-कभी दौरे भी पड़ सकते हैं। इसके अलावा जिन्हें फेफड़ का टीबी हुआ है उनमें से करीब 10 प्रतिशत लोगों में ब्रेन का टीबी होता है। क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया पहले फेफड़े में और उसके बाद खून के रास्ते ब्रेन तक पहुंचता है। यह जानकारी किंग जार्जा चिकित्सा विश्वविद्यालय में न्यूरो मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो.आरके.गर्ग ने दी है।प्रो.आरके.गर्ग ने बताया कि मस्तिष्क ट्यूबरकुलोसिस (ब्रेन टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में ब्रेन की झिल्लियों और ऊतकों को नुकसान पहुंचता है। जिससे ब्रेन में गंभीर संक्रमण हो सकता है। ब्रेन में संक्रमण होने पर सिरदर्द, बुखार, गर्दन में जकड़न, उल्टी, चेतना में परिवर्तन और कभी-कभी दौरे पड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में हर महीने ब्रेन की टीबी से पीड़ित करीब 20 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ब्रेन टीबी, जिसे न्यूरो ट्यूबरकुलोसिस भी कहा जाता है, एक गंभीर संक्रामक रोग है जो ब्रेन को प्रभावित करता है। इस बीमारी में मिर्गी जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
टीकाकरण
2. समय पर इलाज और जागरूकता
3. मास्क पहनना
4. हाथों की नियमित सफाई
5. खाँसते या छींकते समय मुंह को ढकना
6. नियमित जांच और जल्दी इलाज
7. उचित उपचार
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