बलरामपुर : (मानवी मीडिया) पूर्व सपा विधायक द्बारा सार्वजनिक प्रयोजन के लिए सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करा ली गई जमीन को जिलाधिकारी के आदेश पर पुनः ग्राम सभा की जमीन में दर्ज करने की कार्रवाई की गई है मामला तहसील उतरौला का है जहां पर पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी पुत्र अब्दुल गफ्फार हाशमी निवासी सादुल्लाह नगर तहसील उतरौला ने ग्राम सभा की सार्वजनिक प्रयोजन के सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को अपने नाम दर्ज कराकर खतौनी बनवा ली गई। जिलाधिकारी को गोपनीय शिकायत मिली कि आरिफ अनवर हाशमी द्वारा सार्वजनिक प्रयोजन के लिए सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करा लिया गया है।जिलाधिकारी ने मामले की गोपनीय जांच कराई तो मामला सही पाया गया। जांच में पाया गया कि आरिफ अनवर हाशमी ने वर्ष 1979 में बाले पुत्र राम नारायन से 10 बिस्वा जमीन बैनामा लिया गया था। बैनामा ली गई जमीन में से साढ़े चार बिस्वा रकबा को आरिफ अनवर हाशमी द्वारा नाली में दर्ज करा दिया गया और खाद गडढे के लिए सुरक्षित जमीन को अपने नाम दर्ज कराकर खतौनी बनवा लिया। अभिलेखों को खंगालने पर पाया गया कि आरिफ अनवर हाशमी पुत्र अब्दुल गफ्फार हाशमी ने चकबन्दी अधिनियम में दिए गये प्राविधानों को दरकिनार करते हुए गलत तरीके से सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन को अपने दर्ज कराकर खतौनी बनवा ली है। गोपनीय जांच एवं साक्ष्यों के आधार पर जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने भूमाफियाओं के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई करने के आदेश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को दिये। जिसके क्रम में अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में प्रकरण में वाद दाखिल किया गया। इस प्रकरण में आरिफ अनवर हाशमी के नाम दर्ज सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन को निरस्त करते हुए पुनः ग्राम सभा की सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन के रूप में दर्ज कर दिया गया है।
बलरामपुर : (मानवी मीडिया) पूर्व सपा विधायक द्बारा सार्वजनिक प्रयोजन के लिए सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करा ली गई जमीन को जिलाधिकारी के आदेश पर पुनः ग्राम सभा की जमीन में दर्ज करने की कार्रवाई की गई है मामला तहसील उतरौला का है जहां पर पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी पुत्र अब्दुल गफ्फार हाशमी निवासी सादुल्लाह नगर तहसील उतरौला ने ग्राम सभा की सार्वजनिक प्रयोजन के सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को अपने नाम दर्ज कराकर खतौनी बनवा ली गई। जिलाधिकारी को गोपनीय शिकायत मिली कि आरिफ अनवर हाशमी द्वारा सार्वजनिक प्रयोजन के लिए सुरक्षित खाद गड्ढे की जमीन को गलत तरीके से अपने नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर दर्ज करा लिया गया है।जिलाधिकारी ने मामले की गोपनीय जांच कराई तो मामला सही पाया गया। जांच में पाया गया कि आरिफ अनवर हाशमी ने वर्ष 1979 में बाले पुत्र राम नारायन से 10 बिस्वा जमीन बैनामा लिया गया था। बैनामा ली गई जमीन में से साढ़े चार बिस्वा रकबा को आरिफ अनवर हाशमी द्वारा नाली में दर्ज करा दिया गया और खाद गडढे के लिए सुरक्षित जमीन को अपने नाम दर्ज कराकर खतौनी बनवा लिया। अभिलेखों को खंगालने पर पाया गया कि आरिफ अनवर हाशमी पुत्र अब्दुल गफ्फार हाशमी ने चकबन्दी अधिनियम में दिए गये प्राविधानों को दरकिनार करते हुए गलत तरीके से सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन को अपने दर्ज कराकर खतौनी बनवा ली है। गोपनीय जांच एवं साक्ष्यों के आधार पर जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने भूमाफियाओं के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई करने के आदेश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को दिये। जिसके क्रम में अपर जिलाधिकारी के न्यायालय में प्रकरण में वाद दाखिल किया गया। इस प्रकरण में आरिफ अनवर हाशमी के नाम दर्ज सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन को निरस्त करते हुए पुनः ग्राम सभा की सार्वजनिक प्रयोजन की खाद गड्ढे की जमीन के रूप में दर्ज कर दिया गया है।