लखनऊ : (मानवी मीडिया) अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते उत्तर प्रदेश में पिछले सात वर्षों में एक भी सांप्रदायिक हिंसा की घटना नहीं हुई। नवंबर 2019 से नवंबर 2023 के बीच प्रदेश के कुल 68 चिन्हित माफिया व गैंग के सदस्यों द्वारा अवैध रुप से बनाई गई 3723 करोड़ से अधिक की संपत्तियों का जब्तीकरण व ध्वस्तीकरण किया गया। अन्य विभिन्न माफिया की जनवरी 2021 से अक्टूबर 2023 तक गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत 4268 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई की गई। गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत मार्च 2017 से नवंबर 2023 तक कुल 22,301 अभियोग दर्ज किए गए। जबकि 70,879 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। इसके साथ ही 120 अरब रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। इस दौरान 192 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए व 5800 घायल हुए। प्रदेश में निरंतर घटा अपराध
वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2023 तक में अपराधों में बड़ी कमी दर्ज की गई। डकैती में 87 प्रतिशत से ज्यादा, लूट में 72 प्रतिशत से ज्यादा, हत्या के मामलों में 40 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 68 प्रतिशत और बलात्कार के मामलों में 24 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई। इसी तरह 2016 की तुलना में 2023 तक में व्यापक पैमाने पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई। शस्त्र अधिनियम के तहत 4 प्रतिशत अधिक, एनडीपीएस अधिनियम में 26 प्रतिशत अधिक, गैंगस्टर अधिनियम में 23 प्रतिशत, गुंडा एक्ट में 31 प्रतिशत और आबकारी एक्ट में 32 प्रतिशत अधिक कार्रवाई की गई।
महिलाओं को मिल रही पूरी सुरक्षा
महिलाओं की सुरक्षा सीएम योगी की प्राथमिकता रही है और इसको लेकर प्रदेश में बड़े स्तर पर कार्य किए गए हैं। सरकार में 1698 एंटी रोमियो स्क्वाड गठित किए गए हैं, जिन्होंने प्रदेश भर में 21,422 मुकदमे दर्ज किए हैं। प्रदेश के सभी जनपदों के 1584 थानों में महिला हेल्प डेस्क व 18 जोनल ऑफिसेज में महिला साइबर क्राइम सेल की स्थापना की गई है। मार्च 2022 से नवंबर 2023 तक महिला एवं पॉक्सो अपराध में दोषी पाए गए 12855 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। 16 अभियुक्तों को मृत्युदंड, 1298 को आजीवन कारावास, 3422 को 10 वर्ष से अधिक की सजा तथा 8119 को 10 वर्ष तक की सजा से दंडित कराया गया।
महिलाओं एवं बालिकाओं संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने तथा उनमें सुरक्षा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रदेश के 1518 थानों में 10,378 महिला बीट गठित कर कुल 15,130 महिला कर्मियों की तैनाती की गई। महिला बीट कर्मियों द्वारा भ्रमण के दौरान 63,175 शिकायतों का निस्तारण कराया गया तथा 60,790 पीड़ितों को काउंसिलिंग कर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके अतिरिक्त, 1090, महिला सम्मान प्रकोष्ठ, पुलिस महिला सहायता प्रकोष्ठ को समेकित कर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (डब्ल्यूसीएसओ) की स्थापना की गई। 1090 का यूपी 112 से इंटीग्रेशन तथा 80 नए टर्मिनल्स तथा डाटा एनालिटिक सेंटर की स्थापना की गई।