अयोध्या : (मानवी मीडिया) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक बार फिर से श्रद्धालुओं से अपील की है। उन्होंने वीडियो जारी कर लोगों को सतर्क रहने की नसीहत भी है उन्होंने कहा कि दर्शन के नाम पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। अगर कोई रामलला के दर्शन के नाम पर पैसा ले रहा है तो आपके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। यहां पर पैसे लेकर समय देने की या दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं है। हर दिन रामलला का दर्शन बहुत ही सहज रूप से होता है और समानता दर्शन में मात्र सवा घंटे का सबसे ज्यादा समय लगता है। सामान्य दर्शन में लगभग 10 मिनट तक रामलला के दर्शन होते हैं। मंदिर परिसर में प्रतिदिन 14 घंटे राम भक्तों को रामलला का दर्शन कराया जा रहा है, लेकिन राम भक्तों के साथ दुर्घटनाएं हुई हैं सच्चाई का पता तभी लगेगा जब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। चंपतराय ने कहा कि राम मंदिर में पैदल आने-जाने में मात्र एक से सवा किलोमीटर तक की दूरी को ही तय करना पड़ता है। इसके बावजूद श्रद्धालु किसी तरह का पैसा दर्शन के नाम पर देना ही चाहते हैं तो पैसा गरीबों को देकर उनके भोजन के लिए मदद करें, लेकिन दर्शन के नाम पर पैसा देकर समाज में बुराई पैदा ना करें
अयोध्या : (मानवी मीडिया) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक बार फिर से श्रद्धालुओं से अपील की है। उन्होंने वीडियो जारी कर लोगों को सतर्क रहने की नसीहत भी है उन्होंने कहा कि दर्शन के नाम पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। अगर कोई रामलला के दर्शन के नाम पर पैसा ले रहा है तो आपके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। यहां पर पैसे लेकर समय देने की या दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं है। हर दिन रामलला का दर्शन बहुत ही सहज रूप से होता है और समानता दर्शन में मात्र सवा घंटे का सबसे ज्यादा समय लगता है। सामान्य दर्शन में लगभग 10 मिनट तक रामलला के दर्शन होते हैं। मंदिर परिसर में प्रतिदिन 14 घंटे राम भक्तों को रामलला का दर्शन कराया जा रहा है, लेकिन राम भक्तों के साथ दुर्घटनाएं हुई हैं सच्चाई का पता तभी लगेगा जब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। चंपतराय ने कहा कि राम मंदिर में पैदल आने-जाने में मात्र एक से सवा किलोमीटर तक की दूरी को ही तय करना पड़ता है। इसके बावजूद श्रद्धालु किसी तरह का पैसा दर्शन के नाम पर देना ही चाहते हैं तो पैसा गरीबों को देकर उनके भोजन के लिए मदद करें, लेकिन दर्शन के नाम पर पैसा देकर समाज में बुराई पैदा ना करें