नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया जिन्हें दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कविता से निचली अदालत में जाने को कहा। पीठ ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसका यह अदालत पालन कर रही है और वह प्रोटोकॉल को नजरअंदाज नहीं कर सकती। पीठ ने कहा कि जहां तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को चुनौती देने वाली कविता की याचिका है, अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर रही है और छह सप्ताह में उससे जवाब देने को कह रही है।
कविता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पीठ ने कहा, ‘‘प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जाएगी।’’ सिब्बल ने शुरुआत में कहा कि उनका अदालत से एक अनुरोध है कि उन्हें उच्च न्यायालय जाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया देखिए हमारे देश में क्या हो रहा है। एक सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। मैं बहुत निराश हूं।’’
पीठ ने सिब्बल से कहा, ‘‘वकील के तौर पर आपको कभी निराश नहीं होना चाहिए। इतना भावुक मत होइए। मुख्य रिट याचिका को जुलाई में अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए रखा जा सकता है। जहां तक जमानत की बात है, हमारा बहुत स्पष्ट रुख है कि आपको निचली अदालत में जाना होगा।’’ सिब्बल ने जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी का जिक्र किया तो पीठ ने उनसे राजनीतिक बयानबाजी नहीं करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा रुख बहुत स्पष्ट है और हम एकरूपता के साथ इस पीठ में इस प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। हम सैद्धांतिक रूप से इस बात से सहमत हैं कि हमें इसलिए सभी वैधानिक और संवैधानिक फोरम को नजरअंदाज नहीं कर देना चाहिए क्योंकि कोई राजनीतिक व्यक्ति है या कोई ऐसा है जो सीधे उच्चतम न्यायालय में आने का खर्च उठा सकता है। तब सिब्बल ने केस फाइल और ईडी द्वारा अदालत में पिछले साल सितंबर में दिए गए बयानों का उल्लेख किया कि वह आरोपी नहीं हैं। पीठ ने कहा कि इस समय वह मामले के गुण-दोषों पर विचार नहीं कर रही। पीठ ने कहा, ‘‘आप हमसे जो करने के लिए कह रहे हैं, वह हमारे हिसाब से स्वीकार्य नहीं है।’’