उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद एक और विवादित मंदिर/मस्जिद स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे की जद में आ गया है. यह मध्य प्रदेश के धार शहर में स्थित मध्यकालीन युग का भोजशाला मंदिर है. दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू फ्रंट’ की याचिका के बाद सोमवार (11 मार्च) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह आदेश आया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस देवनारायण मिश्रा ने कहा, ‘इस अदालत ने केवल एक ही निष्कर्ष निकाला है कि भोजशाला मंदिर और कमाल मौला मस्जिद का जल्द से जल्द वैज्ञानिक सर्वेक्षण, अध्ययन कराना एएसआई का संवैधानिक और वैधानिक दायित्व है.’
पीठ ने कहा, ‘सर्वे कराएं. तस्वीरें और वीडियो बनाए जाएं. रिपोर्ट अगली सुनवाई 29 अप्रैल से पहले कोर्ट को दी जाए.’ पीठ ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद वह दैनिक पूजा के अधिकार की बहाली के याचिकाकर्ता के दावे पर सुनवाई करेगी. अदालत कमाल मौला मस्जिद के वक्फ की जांच के मामले पर भी सुनवाई करेगा. एएसआई को इमारत की आयु का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार सिस्टम और कार्बन डेटिंग सहित सभी तरीकों और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए कहा गया है हिंदू पक्ष एएसआई द्वारा संरक्षित 11वीं शताब्दी के भोजशाला मंदिर को मां सरस्वती को समर्पित एक मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहता है.