मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 80 एकड़ भूमि पर बनने वाले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के कार्यां का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया - मानवी मीडिया

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Sunday, March 3, 2024

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 80 एकड़ भूमि पर बनने वाले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के कार्यां का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया


उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज ताल नादोर, जनपद गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की लागत से 80 एकड़ भूमि पर बनने वाले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के कार्यों का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं यथा नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, प्रगतिशील पशुपालन प्रोत्साहन योजना, गौ संवर्धन योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दक्षिणांचल क्षेत्र पहले विकास के पैमाने पर पिछड़ गया था। आज डबल इंजन सरकार के प्रयासों से यहां का विकास एक नयी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। 

गोरखपुर से वाराणसी का मार्ग फोरलेन हो गया है। यहां 80 एकड़ क्षेत्र में पशु चिकित्सा महाविद्यालय भी स्थापित होगा। भविष्य में यह महाविद्यालय के बाद विश्वविद्यालय भी बनने की क्षमता रखेगा। मुख्यमंत्री ने लोगों को चिकित्सा महाविद्यालय के शिलान्यास की बधाई देते हुए कहा कि यह गोरखपुर एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय है। इस महाविद्यालय के माध्यम से यहां के लोगों को पशुओं एवं मछलियों के उपचार के साथ ही, उन्नत किस्म की नस्लें भी प्राप्त होगी। इससे पशुपालन के लिए आवश्यक निर्देश भी प्राप्त होगा। इस संस्थान से युवाओं को रोजगार के लिए एक नया प्लेटफॉर्म भी प्राप्त होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में पहले से ही 04 विश्वविद्यालय है। यह महाविद्यालय भविष्य में पांचवां विश्वविद्यालय बन सकता है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार पूरी मजबूती से कार्य कर रही है। यह एक नया अवसर है, जिसका लाभ लेने हेतु यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। यह महाविद्यालय न केवल पशुओं तथा जीव-जन्तुओं के स्वास्थ्य परीक्षण का केन्द्र होगा, बल्कि उनकी नस्ल सुधार का भी केन्द्र होगा। इस महाविद्यालय में यहां के छात्रों को पशु चिकित्सक बनने का भी अवसर प्राप्त होगा। यहां वेटनरी के साथ फिशरीज का भी पाठ्यक्रम शुरू होगा। इस महाविद्यालय की डिजाइन श्रावस्ती के राजा शालिहोत्र की परिकल्पना के आधार पर बनायी गई है। 

ऐसा माना जाता है कि उन्होंने तीसरी शताब्दी में अपनी शालिहोत्र संहिता में पशु एवं जीव जन्तुओं पर अनुसंधान कर, उनसे सम्बन्धित रोगां के लक्षण व उपचार का वर्णन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का भारत एक नया भारत है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। विगत एक दशक से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकास के नये आयाम गढ़े जा रहे है। गोरखपुर में भी लगातार विकास हो रहा है। गोरखपुर में यह विकास एम्स की शुरुआत व फर्टिलाइजर कारखाने के पुनः संचालन में देखा जा सकता है। आज यहां सड़कें फोरलेन हो चुकी है। गोरखपुर को आज इस शिलान्यास के बाद एक पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय भी प्राप्त होगा। इस महाविद्यालय के बगल में नगर निगम द्वारा 50 एकड़ क्षेत्र में निराश्रित गौआश्रय स्थल का भी निर्माण किया जायेगा। गोरखपुर में एक अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण का भी प्रस्ताव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया गया है। यहां नये-नये उद्योग लग रहे हैं। गीडा में 05 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। पहले यह नौजवान काम के लिए बाहर जाते थे, किन्तु आज उन्हें यहीं रोजगार मिल रहा है। यही परिवर्तन है। अब यहां लोगों का शोषण नहीं होता, बल्कि सभी योजनाओं का लाभ मिलता है। एम्स में 01 हजार युवाओं तथा फर्टिलाइजर कारखाने में 01 हजार से भी ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार जब अच्छी होती है, तो वह जनता को केन्द्र में रखकर कार्य करती है। डबल इंजन सरकार इसी को ध्यान में रखकर पूरे देश व उत्तर प्रदेश में मजबूती से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज विकास के साथ समृद्धि, सुरक्षा व नौजवानों के लिए आजीविका का साधन भी है, तो आस्था का सम्मान भी है। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का बहुत स्वागत किया जा रहा है। डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में आज प्रत्येक स्थान पर विकास हो रहा है। एम्स, पॉलिटेक्निक, वेटनरी कॉलेज जैसे संस्थान तथा अन्य कॉलेज स्थापित किये जा रहे है।


पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री  धर्मपाल सिंह ने कहा कि राज्य में पशुओं की चिकित्सा के लिए एक मात्र संस्थान मथुरा में है। इस महाविद्यालय के निर्माण से पूर्वान्चल के लोगों को पशुपालन के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र प्राप्त होगा। पशुओं की सेवा हमारा धर्म है और इस सेवा में यह पशु चिकित्सा महाविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। प्रधानमंत्री  व मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज देश व प्रदेश का स्वर्णिम युग है। प्रधानमंत्री  कर्मयोगी हैं तो मुख्यमंत्री जनयोगी हैं। पशुपालन के क्षेत्र में शासन द्वारा विभिन्न सुधारात्मक कार्य किये गये हैं। नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान हेतु निःशुल्क सीमेन देने का कार्य किया जा रहा है। 

किसानों की आय दोगुनी करने हेतु कृषि के साथ पशुपालन भी जरूरी है। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के माध्यम से स्वदेशी नस्ल के गौवंश की वृद्धि तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए शासन द्वारा लगभग 32 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि 80 एकड़ भूमि में 350 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला यह पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान मथुरा से सम्बद्ध होगा। इसके निर्माण से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिमी बिहार एवं नेपाल के पशुपालकों को पशुपालन की उचित जानकारी प्राप्त करने, पशु चिकित्सा एवं उन्नत नस्ल के पशुओं की प्राप्ति के लिए एक आधुनिक केन्द्र प्राप्त होगा।

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