नई दिल्ली (मानवी मीडिया)नामित अदालत, लखनऊ ने रेलवे को हानि पहुंचाने से संबंधित मामले में एक निजी व्यक्ति को 4 वर्ष की कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई*
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, लखनऊ ने रेलवे को हानि पहुंचाने से संबंधित मामले में एक निजी व्यक्ति राजेश कंसल को 4 वर्ष की कारावास एवं 20,000/- रु. जुर्माने की सजा सुनाई। इससे पूर्व, न्यायालय ने इसी मामले में आरोपी अजय तिवारी, तत्कालीन सहायक लेखाकार, डीएओ कार्यालय, एनईआर, लखनऊ एवं एक निजी व्यक्ति राजेश गुप्ता को दिनांक 21.03.2024 को दोषी ठहराया था एवं प्रत्येक को 7 वर्ष की कारावास के साथ 65,000/- रु. जुर्माने की सजा सुनाई थी।
आरोपी राजेश कंसल को बाद में अब दोषी ठहराया गया व सजा सुनाई गई, क्योंकि उनके विरुद्ध आरोपों की फाइल अलग कर दी गई थी।
सीबीआई ने दिनाँक 28/05/1998 को मामला दर्ज किया था जिसमे आरोप था कि एक निजी व्यक्ति राजेश कंसल ने अन्य आरोपी लोक सेवकों एवं निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी खरीद आदेश, बिल आदि के आधार पर रेलवे को 2,55,285/- रु. की हानि पहुंचाई तथा आरोपी को तदनुरूप लाभ पहुंचा।
जांच पूरी होने के पश्चात, सीबीआई ने दिनाँक 11/10/1999 को आरोप पत्र दायर किया। आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध दिनाँक 1/5/2002 एवं 7/3/2015 को आरोप तय किए गए थे। श्री राजेश कंसल के विरुद्ध अलग से मुकदमे की कार्यवाही के दौरान 16 गवाहों से परीक्षण किया गया।
विचारण के पश्चात, अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया एवं उसे तदानुसार सजा सुनाई।