लखनऊ : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जनपद मुरादाबाद स्थित डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर उत्तर प्रदेश पुलिस अकादमी में उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस आधारभूत कोर्स वर्ष 2023-24 के दीक्षांत परेड समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में 8,362 पुलिस उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस और प्लाटून कमाण्डर की पासिंग आउट परेड सम्पन्न हो रही है। प्रदेश की इस उत्कृष्टतम अकादमी में उन्हें दीक्षांत परेड का साक्षी बनने का अवसर प्राप्त हुआ है। वर्ष 2023-24 की पासिंग आउट परेड में 1,618 महिला पुलिस उपनिरीक्षक सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षुओं और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि सभी प्रशिक्षुओं ने अपने संस्थान में 01 वर्ष का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश पुलिस बल को व्यावसायिक दक्षता प्राप्त 08 हजार से अधिक पुलिस उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस और प्लाटून कमाण्डर प्राप्त होंगे, जो प्रदेश की कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। प्रषिक्षणकाल वह समय है, जिसमें एक प्रषिक्षु सक्रिय सेवा के समस्त मानदण्डों और व्यावहारिक जीवन के उच्च आदर्षों के साथ-साथ सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करता है। यहीं से एक जिम्मेदार लोकसेवक के दायित्वांे का भली-भांति निर्वहन करने के लिए स्वयं को योग्य बनाता है। वर्दीधारी फोर्स के बारे में कहा जाता है कि प्रशिक्षण के दौरान जितना वह पसीना बहाएंगे, चुनौती के समय उतना ही खून बहाने की नौबत नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं ने अपने परिश्रम और लगन से स्वयं को साबित किया है। यह आगामी 30-35 वर्षाें तक उनके काम आएगा। विगत 07 वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों की क्षमता को लगभग 03 गुना बढ़ाया गया है। प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को कानून-व्यवस्था, विधि, मानवाधिकारों, साइबर क्राइम, पुलिस रेगुलेशन, फाॅरेंसिक साइंस इत्यादि से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन कराया गया, ताकि पुलिस बल की कार्यप्रणाली तथा वर्तमान की चुनौतियों को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए पुलिस को योग्य उपनिरीक्षक प्राप्त हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जुलाई, 2024 से तीन नये कानून लागू होने हैं। राज्य सरकार के स्तर पर इन कानून का अध्ययन करने, इन्हें चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू करने तथा इसके लिए शासन एवं प्रशासन के स्तर पर किये जाने वाले कार्याें के लिए समिति गठित की गयी है। समस्त प्रशिक्षुओं को इन तीनों कानूनों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इन तीन नये कानूनों की मूल भावना दण्ड आधारित न होकर न्याय प्रधान है। ऐसे में फाॅरेंसिक साइन्स तथा साइबर क्राइम के ज्ञान का महत्व बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ हो रहे निरन्तर परिवर्तन के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए नवीन कानूनों तथा आधुनिक तकनीकों के प्रयोग की जानकारी होना आवश्यक है। दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह व निष्ठा के साथ जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना में यह प्रशिक्षण बेहद कारगर सिद्ध होगा, ऐसा उनका अटूट विश्वास है। आप पुलिस बल में एक जिम्मेदार पद पर नियुक्त हो रहे हैं। यह पद कानून का राज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। अपराध नियंत्रण के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति को न्याय प्राप्त कराने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आपसे अपेक्षा है कि जनमानस की सुरक्षा, समाज में अमन-चैन कायम रखते हुए मित्र पुलिस की छवि को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना बेहतरीन योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं ने अपने परिश्रम और लगन से स्वयं को साबित किया है। यह आगामी 30-35 वर्षाें तक उनके काम आएगा। विगत 07 वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों की क्षमता को लगभग 03 गुना बढ़ाया गया है। प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को कानून-व्यवस्था, विधि, मानवाधिकारों, साइबर क्राइम, पुलिस रेगुलेशन, फाॅरेंसिक साइंस इत्यादि से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन कराया गया, ताकि पुलिस बल की कार्यप्रणाली तथा वर्तमान की चुनौतियों को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए पुलिस को योग्य उपनिरीक्षक प्राप्त हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जुलाई, 2024 से तीन नये कानून लागू होने हैं। राज्य सरकार के स्तर पर इन कानून का अध्ययन करने, इन्हें चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू करने तथा इसके लिए शासन एवं प्रशासन के स्तर पर किये जाने वाले कार्याें के लिए समिति गठित की गयी है। समस्त प्रशिक्षुओं को इन तीनों कानूनों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इन तीन नये कानूनों की मूल भावना दण्ड आधारित न होकर न्याय प्रधान है। ऐसे में फाॅरेंसिक साइन्स तथा साइबर क्राइम के ज्ञान का महत्व बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के सूत्र बताएं हैं। यह सूत्र हैं-स्ट्रिक्ट एवं सेंसिटिव, मॉडर्न एवं मोबाइल, अलर्ट एवं अकाउण्टेबल, रिलाएबल एवं रेस्पॉन्सिव, टेक्नो-सेवी एवं ट्रेण्ड। यह सूत्र हमें कानून प्रवर्तन के भविष्य के लिए निरन्तर और स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। जाँच एवं दण्ड के पुराने तरीकों से आगे निकलकर आधुनिक फॉरेंसिक तकनीक एवं साक्ष्यों का उपयोग करना न केवल न्याय की दृष्टि से बेहतर है, अपितु इस प्रक्रिया से जाँच में होने वाले अनावश्यक व्यय व श्रम को भी कम किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फाॅरेन्सिक साइंसेज की स्थापना की गयी है। संस्थान का प्रथम शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हो चुका है। विगत दिनों इसका लोकार्पण भी सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ हो रहे निरन्तर परिवर्तन के दृष्टिगत पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए नवीन कानूनों तथा आधुनिक तकनीकों के प्रयोग की जानकारी होना आवश्यक है। दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह व निष्ठा के साथ जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना में यह प्रशिक्षण बेहद कारगर सिद्ध होगा, ऐसा उनका अटूट विश्वास है। आप पुलिस बल में एक जिम्मेदार पद पर नियुक्त हो रहे हैं। यह पद कानून का राज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। अपराध नियंत्रण के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति को न्याय प्राप्त कराने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आपसे अपेक्षा है कि जनमानस की सुरक्षा, समाज में अमन-चैन कायम रखते हुए मित्र पुलिस की छवि को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना बेहतरीन योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने कर्तव्यपालन के दौरान कठोरता के साथ विनम्रता का अद्भुत सामंजस्य बनाते हुए कर्तव्यपरायणता, अनुषासन और सत्यनिष्ठा का सफल उदाहरण स्थापित करेंगे। पुलिस सेवा में चुनौतियाँ कभी खत्म नहीं होती हैं। पुलिस बल को हमेशा मुकाबले में डटकर खड़े रहना तथा अपने को कर्तव्य की बेदी पर अर्पित कर देना है। समाज तथा जनमानस में पुलिस की वर्दी को देखकर एक सुरक्षा तथा विश्वास का भाव जागृत होता है। आपको उनके विश्वास को सही साबित करना है, उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी है। आपकी दक्षता और कर्तव्यपरायणता ही किसी पीड़ित की पीड़ा कम कर सकती है एवं उसके चेहरे पर नयी मुस्कान ला सकती है। एक संवेदनशील पुलिस कर्मी के लिए शीर्ष आयामों की कोई कमी नहीं है,
यदि वह चाहे तो अपने आचरण से जनमानस की कसौटियों पर खरा उतरते हुए, अपनी कर्तव्यनिष्ठा तथा ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रदेश में सुशासन की नींव अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था की स्थापना से मजबूत होती है। यह तभी सम्भव है, जब प्रदेश में उत्तरदायी पुलिसिंग व्यवस्था और व्यावसायिक रूप से दक्ष संवेदनशील पुलिस बल हो। सुदृढ़ कानून-व्यवस्था हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हमारी सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति है। पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने पुलिस रिफाॅर्म व पुलिस आधुनिकीकरण के अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं। विगत 07 वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल में 01 लाख 60 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई है। इस दौरान 01 लाख 56 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों को प्रोन्नति प्रदान की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 07 वर्षाें में राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा राज्य पुलिस बल के लगातार प्रयासों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने देश में प्रत्येक क्षेत्र में स्वयं को बेहतर साबित किया है। प्रदेश ने देश और दुनिया में अपना पर्सेप्शन बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है। विगत 07 वर्षाें में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है। संगठित अपराध लगभग समाप्त हो चुका है। विभिन्न पर्व एवं त्योहार, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं तथा राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण आयोजन शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुए हैं। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के प्रबन्धों की सर्वत्र सराहना हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं प्रयासों के कारण आज प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश में नजीर बनी है। रूल आॅफ लाॅ की स्थापना से देश-विदेश में प्रदेश के बारे में धारणा बदली है। प्रदेश की इस नयी धारणा में उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों द्वारा किये गये प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों पर नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने तथा प्रदेश में सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में सराहनीय भूमिका निभायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 07 वर्षाें में राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा राज्य पुलिस बल के लगातार प्रयासों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने देश में प्रत्येक क्षेत्र में स्वयं को बेहतर साबित किया है। प्रदेश ने देश और दुनिया में अपना पर्सेप्शन बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है। विगत 07 वर्षाें में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है। संगठित अपराध लगभग समाप्त हो चुका है। विभिन्न पर्व एवं त्योहार, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं तथा राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण आयोजन शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुए हैं। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के प्रबन्धों की सर्वत्र सराहना हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं प्रयासों के कारण आज प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश में नजीर बनी है। रूल आॅफ लाॅ की स्थापना से देश-विदेश में प्रदेश के बारे में धारणा बदली है। प्रदेश की इस नयी धारणा में उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों द्वारा किये गये प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों पर नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने तथा प्रदेश में सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में सराहनीय भूमिका निभायी है।