पश्चिम बंगाल में खूबसूरत लड़कियों को उठा ले जाते हैं TMC कार्यकर्ता - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, February 15, 2024

पश्चिम बंगाल में खूबसूरत लड़कियों को उठा ले जाते हैं TMC कार्यकर्ता


पश्चिम बंगाल : (मानवी मीडिया उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखालि गांव पिछले एक महीने से राजनीतिक हंगामा का केंद्र बना हुआ है और तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता द्वारा कथित तौर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन का गवाह बना है। इसकी शुरुआत पांच जनवरी की एक सर्द सुबह तब हुई जब करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर नेता शाहजहां शेख के संदेशखालि स्थित आवास पर छापेमारी की कार्रवाई की। 

छापेमारी के दौरान शाहजहां के समर्थकों ने न केवल ईडी अधिकारियों को उसके घर में प्रवेश करने से रोका, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम के सदस्यों के शहर से लगभग 74 किमी दूर गांव से भागने तक मारपीट की। जिले के बशीरघाट उप मण्डल के अंतर्गत आने वाले संदेशखालि से जिला परिषद सदस्य शाहजहां तब से फरार है लेकिन उसके करीबियों का दावा है कि इलाके पर अब भी ''उसका काफी हद तक नियंत्रण है।'' ईडी की घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाआएं सड़क पर उतरीं और आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके आदमियों ने झींगे की खेती के लिए जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया और कई सालों से वे उनको प्रताड़ित कर रहे हैं और यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। 


क्या है मुख्य आरोप?

कई महिलाओं में से एक ने शाहजहां के आदमियों से पहचान छिपाने के लिए चेहरा छिपाते हुए आरोप लगाया कि ''(तृणमूल) पार्टी  कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं और कोई खूबसूरत महिला या युवती या लड़की होती है तो उन्हें उठाकर पार्टी कार्यालय लाते हैं। वे महिला को उस रात तक रखते थे जबतक संतुष्ट नहीं हो जाते है।'' महिलाओं ने बताया कि शाहजहां के फरार होने से उन्हें पिछले कई सालों से जारी उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत मिली। उन्होंने बताया कि इस पूरे अपराध में केवल शाहजहां ही नहीं बल्कि उसका कथित साथी और तृणमूल के अन्य नेता उत्तम सरदार अैर शिवप्रसाद हजारा भी संलिप्त है।

महिला ने आरोप लगाया, ''भले पति हो लेकिन उन पर उसका अधिकार नहीं होता। उसे अपनी पत्नी को छोड़ना होता। हम यहां रहने में असमर्थ हैं। अत्याचार या यौन उत्पीड़न का डर हमेशा बना रहता है। हम सुरक्षा चाहते हैं। हमारे ज्यादातर आदमी गांव छोड़ कर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं।'' महिलाएं लाठी और झाड़ू के साथ प्रदर्शन कर रही हैं और तत्काल शाहजहां और शिवप्रसाद हजारा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय पुलिस थाने का घेराव किया है। आरोपों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ तनाव पिछले शुक्रवार को तब बढ़ गया जब महिलाओं ने हजारा के तीन पॉलिट्री फार्म में आग लगा दी। महिलाओं का आरोप था कि इन्हें ग्रामीणों की जमीन पर जबरन कब्जा कर बनाया गया था।

इसके बाद पश्चिम बंगाल की विपक्षी पार्टियों ने शाहजहां और उसके साथियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर शाहजहां और उसके साथियों का 'बचाव' करने का आरोप लगाया जबकि तृणमूल नेताओें ने दावा किया कि विपक्षी पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गलत तरीके से शाहजहां को फंसाया है। महिलाओं के प्रदर्शन के मद्देनजर राज्यपाल सी.वी.आंनद बोस को इस सप्ताह के शुरुआत में अपना केरल दौरा बीच में ही छोड़कर बंगाल लौटना पड़ा ताकि संदेशखालि की स्थिति की समीक्षा की जा सके। 

संदेशखालि की महिलाओं से बात करने के बाद बोस ने इसे '' भयावह, स्तब्ध करने वाला और छिन्न-भिन्न करने वाला करार दिया।'' संदेशखालि का दौरा करने के बाद बोस ने कहा, ''जो मैंने देखा वह भयावह है, स्तब्ध करने वाला और छिन्न-भिन्न कर देने वाला है। मैंने कुछ ऐसा देखा जो मुझे कभी नहीं देखना चाहिए था;मैंने ऐसी बहुत सी बातें सुनी जो मुझे कभी नहीं सुनना चाहिए था...यह सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है।'' बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि संदेशखालि में कानून व्यवस्था संभालने के जिम्मेदार लोग की 'उपद्रवी तत्वों' से साठगांठ है। अपनी रिपोर्ट में राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय लोग आरोपों की जांच के लिए विशेष कार्यबल या विशेष जांच टीम चाहते हैं।

Post Top Ad