उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेज कर अपनी समस्या बताई है। कर्मचारियों ने 12 फरवरी से लेकर 22 फरवरी के बीच पत्राचार अभियान चला रखा था, जिसके तहत 12000 पत्र मुख्यमंत्री को भेजे गए हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति आज अलग होती, यदि केंद्र सरकार की तरफ से जारी तीन प्रतिशत अतिरिक्त बजट का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश सरकार ने किया होता। यही बात याद दिलाने के लिए कर्मचारी सरकार को पत्र भेज रहे हैं।संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया है कि साल 2016 से भारत सरकार लगातार 3% अतिरिक्त बजट राज्यों को वेतन विसंगति दूर करने के लिए देती है। जिसका उपयोग हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार सरकार ने किया है। उन राज्यों में वेतन नीति का निर्धारण कर संविदा कार्मिकों की वेतन विसंगति दूर की गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और प्रदेश सरकार के ध्यान न देने कारण अभी तक आठ साल बाद भी उस बजट का उपयोग नही हुआ है।
उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेज कर अपनी समस्या बताई है। कर्मचारियों ने 12 फरवरी से लेकर 22 फरवरी के बीच पत्राचार अभियान चला रखा था, जिसके तहत 12000 पत्र मुख्यमंत्री को भेजे गए हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति आज अलग होती, यदि केंद्र सरकार की तरफ से जारी तीन प्रतिशत अतिरिक्त बजट का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश सरकार ने किया होता। यही बात याद दिलाने के लिए कर्मचारी सरकार को पत्र भेज रहे हैं।संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया है कि साल 2016 से भारत सरकार लगातार 3% अतिरिक्त बजट राज्यों को वेतन विसंगति दूर करने के लिए देती है। जिसका उपयोग हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार सरकार ने किया है। उन राज्यों में वेतन नीति का निर्धारण कर संविदा कार्मिकों की वेतन विसंगति दूर की गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और प्रदेश सरकार के ध्यान न देने कारण अभी तक आठ साल बाद भी उस बजट का उपयोग नही हुआ है।