बिहार : (मानवी मीडिया) विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के खिलाफ टिप्पणी करने वाले RJD एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. मंगलवार (6 फरवरी) को कार्रवाई से जुड़ा पत्र सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. आरजेडी सचेतक सुनील कुमार सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर रामबली सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जिसके बाद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने ये फैसला दिया है. आरजेडी सचेतक सुनील कुमार सिंह ने अपने पत्र में कहा था कि एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी बिहार विधान परिषद सदस्य के तौर पर आरजेडी विधायकों ने द्विवार्षिक चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे. आरजेडी के सदस्य रहते हुए उन्होंने विधानमंडल दल के नेता पर आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव शराब पीते हैं. जो पूरी तरह से निराधार है. इस कथन में तनिक भी सच्चाई नहीं है.सुनील सिंह ने ये भी कहा कि पार्टी की नीति के खिलाफ ओबीसी समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, चौरसिया और दांदी जाती को मूल अति पिछड़ा श्रेणी से अलग करने संबंधी बयान भी दिए और बैनर-पोस्टर लगाकर पदयात्रा भी निकाली. इसके साथ ही एक सम्मेलन भी आयोजित किया. इस कार्यक्रम में न तो आरजेडी का चुनाव चिन्ह वाला कोई झंडा या फिर बैनर लगाया गया. इसके अलावा जाति आधारित जनगणना में बड़ी चालाकी से घालमेल किया. ऐसे में इस तरह के बयानों से बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों की तरफ से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की भी पुष्टि होती है.
बिहार : (मानवी मीडिया) विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के खिलाफ टिप्पणी करने वाले RJD एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. मंगलवार (6 फरवरी) को कार्रवाई से जुड़ा पत्र सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. आरजेडी सचेतक सुनील कुमार सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर रामबली सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जिसके बाद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने ये फैसला दिया है. आरजेडी सचेतक सुनील कुमार सिंह ने अपने पत्र में कहा था कि एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी बिहार विधान परिषद सदस्य के तौर पर आरजेडी विधायकों ने द्विवार्षिक चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए थे. आरजेडी के सदस्य रहते हुए उन्होंने विधानमंडल दल के नेता पर आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव शराब पीते हैं. जो पूरी तरह से निराधार है. इस कथन में तनिक भी सच्चाई नहीं है.सुनील सिंह ने ये भी कहा कि पार्टी की नीति के खिलाफ ओबीसी समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, चौरसिया और दांदी जाती को मूल अति पिछड़ा श्रेणी से अलग करने संबंधी बयान भी दिए और बैनर-पोस्टर लगाकर पदयात्रा भी निकाली. इसके साथ ही एक सम्मेलन भी आयोजित किया. इस कार्यक्रम में न तो आरजेडी का चुनाव चिन्ह वाला कोई झंडा या फिर बैनर लगाया गया. इसके अलावा जाति आधारित जनगणना में बड़ी चालाकी से घालमेल किया. ऐसे में इस तरह के बयानों से बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों की तरफ से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की भी पुष्टि होती है.