(मानवी मीडिया) : भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरे जोर-शोर से जुट गई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव से पहले पूरे देश में नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) लागू किया जाएगा। उन्होंने ये बातें ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान कही हैं। आपको बता दें कि अप्रैल और मई महीने में चुनाव होने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ''मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है। यह वादा मूल रूप से कांग्रेस ने ही उनसे किया था।''
उन्होंने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ''हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।''
4 साल पहले कानून बनकर तैयार
आपको बता दें कि हल ही में केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया था कि अगले सात दिन के अंदर ही सीएए लागू कर दिया जाएगा। यह विधेयक दिसंबर 2019 में ही संसद में पास हो गया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी और इसके बाद यह कानून बन गया। यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का भी प्रावधान करता है।
विरोध में खूब हुए थे प्रदर्शन
सीएए को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर बैठ गईं। बीते साल भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि सीएए को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है।
कानून लागू होते ही क्या बदल जाएगा
इस कानून के मुताबिक तीन पड़ोसी देशों, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी। जो लोग 2014 तक किसी प्रताड़ना के चलते भारत आए हैं उनको नागरिकता मिलेगी। इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल होंगे।
बता दें कि यह विधेयक 2016 में ही लोकसभा में पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। इसके बाद इसे 2019 में फिर से पेश किया गया। 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। उसके बाद दो साल कोरोना का ही प्रकोप रहा। इस कानून के तहत 9 राज्यों के 30 से ज्यादा डीएम को भी विशेष अधिकारक दिए जाएंगे।