उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) राम मदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा की गई. इस दौरान सांसदों ने अपनी-अपनी बातें सदन के पटल पर रखी. चर्चा के दौरान AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या ये मोदी सरकार सिर्फ हिंदुत्व की सरकार है? क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजबह की सरकार है? क्या देश का कोई मजहब नहीं है? मुसलमानों को क्या संदेश दे रहे हैं आप ओवैसी ने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार क्या सिर्फ मजहब की सरकार है? या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है? 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप (मोदी सरकार) करोड़ों मुसलमानों को क्या पैगाम दे रहे हैं? क्या यह सरकार संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे धर्म पर विजय पाई है? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं. 1992, 2019 और फिर 2022 में मुस्लिमों को धोखा दिया गया.
ओवैसी ने आगे कहा कि “मैं बाबर, औरंगजेब या फिर जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं. ओवैसी ने कहा, “6 दिसंबर 1992 को देश में फसाद हुआ था. लोगों को जेल में डाल दिया गया था. जो बाद में बूढ़े होकर जेल से बाहर आए. मैं श्रीराम को मानता हूं, लेकिन नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं, क्योंकि उसने उस इंसान की हत्या कर दी थी, जिसके आखिरी शब्द हे राम थे. ओवैसी से बाबर के बारे में क्यों पूछते हो? बोस, नेहरू और हमारे देश के बारे में पूछते.”