वाशिंगटन : (मानवी मीडिया) प्रख्यात भारतीय अमेरिकी रक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ क्रिस्टल कौल का कहना है कि अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के चुनाव में उनका उम्मीदवार बनना एकता की सिख परंपरा की मजबूत धारणा से प्रेरित है। क्रिस्टल ने हाल में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “मैं आधी कश्मीरी पंडित और आधी पंजाबी सिख हूं। मुझे अपनी दोनों सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों पर बहुत गर्व है। अमेरिका में पली-बढ़ी होना, दोनों संस्कृतियों से जुड़ा होना कुछ अनोखा है। मेरे दादा-दादी और माता-पिता से मुझे यह मिला है। मुझे आज कांग्रेस चुनाव में खड़ी होने वाली पहली कश्मीरी पंडित और एकमात्र सिख महिला होने पर गर्व है अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, स्पेनिश, इतालवी, अरबी, दारी और कश्मीरी समेत नौ भाषाएं जानने वाली कौल वर्जीनिया के 10वें संसदीय जिले से चुनाव लड़ रही हैं। मौजूदा सांसद जेनिफर वेक्सटन इस बार चुनाव नहीं लड़ रहीं हैं,
इसलिए इस सीट पर कौल के लिए मुकाबला थोड़ा आसान हो सकता है। कौल ने कहा, “मेरी नानी विमल चड्ढा मलिक मुझे न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में ग्लेन कोव गुरुद्वारा ले जाती थीं। वहां मैं लंगर में सेवा करती थी। मैंने सिख परंपराओं और एकता की धारणा के बारे में बहुत कुछ सीखा। मुझे उस पर गर्व है उल्लेखनीय है कि दलीप सिंह सौंद पहले भारतीय अमेरिकी सिख थे, जो 1957 से तीन बार कैलिफोर्निया के 29वें संसदीय जिले से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। फिलहाल संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय अमेरिकी हैं, जिनमें डॉ. एमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और थानेदार शामिल हैं। जयपाल प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गईं पहली और एकमात्र भारतीय अमेरिकी महिला हैं। कौल ने कहा कि दलीप सिंह सौंद ऐसा नाम है जिसे अक्सर भुला दिया जाता है।