उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) सूचना आयोग ने जानबूझकर आयोग के समन की अनदेखी करने और आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत एक आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह अपने आप में हैरान करने वाला मामला है क्योंकि यह कार्रवाई 1911 में दिए गए बिजली के एक कनेक्शन से संबंधित है। इसकी पुष्टि करते हुए, राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने बताया, ‘‘यह पहली बार है कि 2005 में आरटीआई अधिनियम अस्तित्व में आने के बाद से उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ इतनी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई शुरू की है अनिल वर्मा (अधीक्षण अभियंता), आरके गौतम (कार्यकारी अभियंता), उपमंडल अधिकारी सर्वेश यादव और उपमंडल अधिकारी रवि आनंद के खिलाफ हाल ही में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। गिरफ्तारी वारंट राज्य सूचना आयुक्त उप्रेती द्वारा आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 18 (3) के प्रावधानों और सीपीसी (सिविल प्रक्रिया संहिता) 1908 में दी गई शक्तियों के अनुसार जारी किया गया है। उप्रेती ने काशी क्षेत्र के डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) प्रमोद कुमार को इन अधिकारियों को 20 फरवरी 2024 को आयोग के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है, जब इस मामले की सुनवाई लखनऊ में फिर से होगी। यह मामला वाराणसी के कजाकपुरा इलाके में उमा शंकर यादव के नाम पर एक जनवरी 1911 के बिजली कनेक्शन से जुड़ा है।
उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) सूचना आयोग ने जानबूझकर आयोग के समन की अनदेखी करने और आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत एक आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह अपने आप में हैरान करने वाला मामला है क्योंकि यह कार्रवाई 1911 में दिए गए बिजली के एक कनेक्शन से संबंधित है। इसकी पुष्टि करते हुए, राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने बताया, ‘‘यह पहली बार है कि 2005 में आरटीआई अधिनियम अस्तित्व में आने के बाद से उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ इतनी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई शुरू की है अनिल वर्मा (अधीक्षण अभियंता), आरके गौतम (कार्यकारी अभियंता), उपमंडल अधिकारी सर्वेश यादव और उपमंडल अधिकारी रवि आनंद के खिलाफ हाल ही में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। गिरफ्तारी वारंट राज्य सूचना आयुक्त उप्रेती द्वारा आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 18 (3) के प्रावधानों और सीपीसी (सिविल प्रक्रिया संहिता) 1908 में दी गई शक्तियों के अनुसार जारी किया गया है। उप्रेती ने काशी क्षेत्र के डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) प्रमोद कुमार को इन अधिकारियों को 20 फरवरी 2024 को आयोग के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है, जब इस मामले की सुनवाई लखनऊ में फिर से होगी। यह मामला वाराणसी के कजाकपुरा इलाके में उमा शंकर यादव के नाम पर एक जनवरी 1911 के बिजली कनेक्शन से जुड़ा है।