नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- किसान आंदोलन के दूसरे चरण के बीच कर्मचारी संगठनों ने देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। यह हड़ताल 1 मई को होगी और केंद्र सरकार को 19 मार्च को नोटिस देते हुए ट्रेन और डिफेंस इंडस्ट्री को बंद करते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के दफ्तरों में कामकाज ठप्प रहेगा।
ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि 19 मार्च को संबंधित प्रशासनों को हड़ताल को लेकर नोटिस दिया जाएगा। जेएफआरओपीएस के संयोजक और ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र के साथ चर्चा विफल होने के बाद हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। महासचिव शिव गोपाल मिश्रा कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली संयुक्त सलाहकार मशीनरी (जेसीएम) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) भी हैं।
इस हड़ताल में रेलवे और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम व केंद्र के 28 लाख कर्मचारी तथा राज्य सरकार के 3 करोड़ से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर जाएँगे। अगर ये हड़ताल होती है तो ट्रेनें और डिफ़ेंस इंडस्ट्री बंद हो जाएँगी। वहीं केंद्र और राज्य सरकार के दफ़्तरों पर भी ताले पड़ जाएँगे। बता दें कि केंद्र और राज्यों के कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की माँग को लेकर कई तरह के आंदोलन, हड़ताल करते आए हैं। उनकी ये लड़ाई सालों पुरानी हैं और अब वो आर-पार के मूड में आ गए हैं।