उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र से नेशनल यूनानी डॉक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (NUDWA) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने यूनानी डॉक्टरों की विभिन्न मांगों और समस्याओं की जानकारी दी। साथ ही यूनानी चिकित्सकों की प्रैक्टिस से सबंधित मामलों की जांच यूनानी मंडल अधिकारी से कराए जाने और यूनानी पीजी स्कॉलर्स के पद सृजन की लंबित मांगों के पूरा होने पर आयुष मंत्री का आभार व्यक्त किया दरअसल, अभी तक यूनानी चिकित्सकों की प्रैक्टिस सबंधित मामलों की जांच सीएमओ किया करते थे। जिसके चलते कई बार यूनानी डॉक्टरों को शोषण का शिकार होना पड़ता था। बताया जा रहा है कि यूनानी और आयुर्वेद के डॉक्टरों को किस मेडिसिन को लिखने का अधिकार प्राप्त है।
यह जानकारी सीएमओ को नहीं होती है। इसके पीछे की भी खास वजह है कि सीएमओ हमेशा एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला डॉक्टर बनता है। ऐसे में वह युनानी और आयुर्वेद दवाओं की जाकारी नहीं रखता। इसी बात को लेकर युनानी डॉक्टरों को प्रैक्टिस सबंधित मामलों सीएमओ की तरफ से की जाने वाली जांच से एतराज था। जिसके लिए आयुष मंत्री से यूनानी डॉक्टरों ने प्रैक्टिस संबंधित जांच यूनानी मंडल अधिकारी की तरफ से कराये जानें की मांग रखी थी। करीब एक महीने पहले यह मांग मान ली गई। अब एक जांच कमेटी बनाई गई है। जिसके अध्यक्ष डीएम हैं। वहीं सदस्यों में आयुर्वेद और युनानी क्षेत्राधिकारी व एसडीएम शामिल हैं।
यही कमेटी अब आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों की जांच करेंगी। डीएम के आदेश पर ही सीएमओ जांच कर सकेंगे NUDWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस मुईद अहमद ने बताया कि यूनानी चिकित्सकों की प्रैक्टिस से सबंधित मामलों की जांच यूनानी मंडल अधिकारी से कराए जाने और यूनानी पीजी स्कॉलर्स के पद सृजन की लंबित मांगों को आयुष मंत्री ने पूरा करा दिया है। इसके अलावा यूनानी डॉक्टरों की अन्य मांगों पर उन्होंने अपनी सहमति जताई है। साथ ही इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में डा एस मुईद अहमद, डा एस एस अशरफ, डा अतीक अहमद व अन्य सहयोगी शामिल थे।