(मानवी मीडिया) : तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने लाहौर के इचरा में एक महिला पर उसके पहनावे को लेकर ईशनिंदा का आरोप लगाया. कहा कि पोशाक में कुरान की आयतें लिखी हैं. यहां तक कि उन्होंने महिला को सरेआम कुर्ती उतार देने को कह डाला. जैसे ही लोगों ने उस पर कुर्ती उतारने का दबाव बनाया तो वो डर गई. इस बीच उसके पति ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी. तब गुलबर्ग की एएसपी सैयदा शेहरबानो नकवी ने आकर महिला को बचाया. वह अकेले ही वहां मौजूद भीड़ से भिड़ गईं.जानकारी के मुताबिक, महिला अपने पति के साथ एक रेस्टोरेंट में बैठी थी. तभी वहां तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने महिला को कहा कि ये तुमने क्या पहना है. इसमें कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. इसे उतारो. महिला ये सुनते ही डर गई. उसने हाथों से अपना चेहरा तक ढक लिया. लेकिन इस बीच भीड़ वहां और भी ज्यादा बढ़ गई. महिला ने उनसे कहा कि उसे नहीं पता कि ये कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. ये तो कुवैत के एक ब्रांड की ड्रेस है और इसमें लिखी इबारत अरबी है. इसका कुरान की आयतों से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन महिला की बात तो मानो कोई सुनने को तैयार ही नहीं वे लोग इस दौरान ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाने लगे. महिला के पति ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी. बिना देर किए गुलबर्ग की एएसपी सैयदा शेहरबानो नकवी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची. उन्होंने जिस तरह उस परिस्थिति को संभाला वो सच में काबिल-ए-तारीफ है. सबसे पहले उनकी टीम ने महिला की सुरक्षा के लिए रेस्टोरेंट के अंदर पुलिस वालों को भेज दिया. महिला को पहनने के लिए बुर्का दिया गया. उधर रेस्टोरेंट के बाहर लोग लगातार ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगा रहे थे. तब खुद एसीपी ने उन लोगों से कहा कि मैं पिछले एक साल से यहां तैनात हूं. हम लोगों ने इस तरह के तीन मामले सुलझाए हैं. आप लोगों को हम पर भरोसा होना चाहिए. इतना कहते ही एसपी ने माहौल को थोड़ा शांत करवाया और रेस्टोरेंट से वह महिला को अपने साथ लेकर थाने चली गईं.
(मानवी मीडिया) : तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने लाहौर के इचरा में एक महिला पर उसके पहनावे को लेकर ईशनिंदा का आरोप लगाया. कहा कि पोशाक में कुरान की आयतें लिखी हैं. यहां तक कि उन्होंने महिला को सरेआम कुर्ती उतार देने को कह डाला. जैसे ही लोगों ने उस पर कुर्ती उतारने का दबाव बनाया तो वो डर गई. इस बीच उसके पति ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी. तब गुलबर्ग की एएसपी सैयदा शेहरबानो नकवी ने आकर महिला को बचाया. वह अकेले ही वहां मौजूद भीड़ से भिड़ गईं.जानकारी के मुताबिक, महिला अपने पति के साथ एक रेस्टोरेंट में बैठी थी. तभी वहां तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के कार्यकर्ताओं ने महिला को कहा कि ये तुमने क्या पहना है. इसमें कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. इसे उतारो. महिला ये सुनते ही डर गई. उसने हाथों से अपना चेहरा तक ढक लिया. लेकिन इस बीच भीड़ वहां और भी ज्यादा बढ़ गई. महिला ने उनसे कहा कि उसे नहीं पता कि ये कुरान की आयतें लिखी हुई हैं. ये तो कुवैत के एक ब्रांड की ड्रेस है और इसमें लिखी इबारत अरबी है. इसका कुरान की आयतों से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन महिला की बात तो मानो कोई सुनने को तैयार ही नहीं वे लोग इस दौरान ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाने लगे. महिला के पति ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी. बिना देर किए गुलबर्ग की एएसपी सैयदा शेहरबानो नकवी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची. उन्होंने जिस तरह उस परिस्थिति को संभाला वो सच में काबिल-ए-तारीफ है. सबसे पहले उनकी टीम ने महिला की सुरक्षा के लिए रेस्टोरेंट के अंदर पुलिस वालों को भेज दिया. महिला को पहनने के लिए बुर्का दिया गया. उधर रेस्टोरेंट के बाहर लोग लगातार ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगा रहे थे. तब खुद एसीपी ने उन लोगों से कहा कि मैं पिछले एक साल से यहां तैनात हूं. हम लोगों ने इस तरह के तीन मामले सुलझाए हैं. आप लोगों को हम पर भरोसा होना चाहिए. इतना कहते ही एसपी ने माहौल को थोड़ा शांत करवाया और रेस्टोरेंट से वह महिला को अपने साथ लेकर थाने चली गईं.