बिहार : (मानवी मीडिया) बेगूसराय से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक वृद्धा को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। लेकिन दाह संस्कार के लिए ले जाते समय वह जिंदा हो गई। वहीं आज वह सही तरीके से सांसे ले रही है और आंखें झपकाकर अपने परिजनों को देख भी रही है। बेगूसराय के नीमा चांदपुरा के रहने वाले दीनो साह की 71 वर्षीय पत्नी रामरती देवी छत्तीसगढ़ के कोरबा में रह रहे अपने पुत्रों के पास गई थी। पिछले रविवार को रामरती देवी की तबीयत जब अचानक बिगड़ गई तो बेटों ने उसे कोरबा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
इलाज के दौरान वहां के डॉक्टर ने रामरती देवी के पुत्र घनश्याम साह और मुरारी साह से कह दिया कि उनकी मौत हो चुकी है। जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया और परिजन उन्हें लेकर एक निजी वाहन से अपने गांव बेगूसराय के लिए चल पड़े। रास्ते में औरंगाबाद के आसपास जब मुरारी ने अपने ममतामई मां के शव को एक बार फिर हाथ लगाया तो शरीर में कुछ हलचल महसूस हुई।
इसके बाद वहां से भागे-भागे परिजन बेगूसराय सदर अस्पताल पहुंचे। जहां आईसीयू में भर्ती कराया गया। बीते 12 घंटे से हो रहे इलाज के दौरान अब रामरती देवी की हालत में काफी तेजी से सुधार हो रहा है और वह आंखें खोल कर अपने बेटे सहित परिजनों को देख रही हैं। जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है। वहीं परिजनों ने बेगूसराय सदर अस्पताल के डॉक्टरों का आभार जताया है। महिला के पौत्र बिट्टू कुमार ने बताया कि 15 घंटे की यात्रा तय करने के बाद औरंगाबाद में शरीर में हलचल हुई। चाचा तो दादी का शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे थे। लेकिन हलचल होने के बाद जब शरीर में गर्माहट महसूस हुई तो सांस चेक किया गया, सांस भी चल रही थी। इसके बाद बेगूसराय लाकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
इस बारे में सदर अस्पताल के आईसीयू में इलाज कर रहे डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि कल रामरती देवी को सदर अस्पताल लाया गया। छत्तीसगढ़ में वहां सांस रुकने की बात कहने पर यह लोग अंतिम संस्कार के लिए स्कॉर्पियो से घर आ रहे थे। रास्ते में शरीर में हलचल महसूस हुई। यहां आते ही आईसीयू में शिफ्ट किया गया। अभी सब कुछ नॉर्मल है, कोशिश कर रहे हैं कि पूरी तरह से ठीक हो जाएं।