लखनऊ : (मानवी मीडिया) शासन ने एडीजी अमिताभ यश के नई जिम्मेदारी दी है। अब वो यूपीएसटीएफ के साथ क़ानून व्यवस्था का भी अतिरिक्त प्रभार देखेंगे। इसके लिए शासन की तरफ से लेटर भी जारी हो गया है। आपको बता दें कि आईपीएस अमिताभ यश मूल रूप से बिहार के भोजपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज पूरी की है. इसके अलावा वह आईआईटी कानपुर के छात्र भी रहे हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम दिया था. जिसके बाद वह उस परीक्षा में पास हुए और आईपीएस अधिकारी बने. आईपीएस अमिताभ 1996 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. वह बतौर एसपी और एसएसपी संत कबीर नगर बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में सेवाएं दे चुके हैं. आईपीएस अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी आईपीएस अधिकारी थे।
2021 में बनाया गया था stf का एडीजी
आईपीएस अमिताभ यश की वर्ष 2007 में एसटीएफ एसएसपी बनाया गया था. उस समय उन्होंने बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत ददुआ के खिलाफ अभियान चलाया था और उसे मार गिराया था. साथ ही उनकी टीम ने डकैत ठोकिया को भी मार गिराया था. आईपीएस अमिताभ यश को चित्रकूट के जंगलों को डकैतों से मुक्त कराने का श्रेय भी दिया जाता है. साल 2017 में उन्हें एसटीएफ आईजी बनाया गया. फिर साल 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा दिया गया।
150 से अधिक अपराधियों को किया ढेर
रिपोर्ट्स के मुताबिक आईपीएस अमिताभ यश ने 150 से अधिक बदमाशों को ढेर किया है. उन्होंने यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी से लेकर पेपर लीक गैंग तक पर शिकंजा कसा है. इसके अलावा कानपुर के बिकरू कांड में भी उनकी टीम ने कार्रवाई की थी. जिसमें पुलिस हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे कुख्यात विकास दुबे को मार गिराया गया था. इसके अलावा इस कांड में शामिल अन्य बदमाशों को भी पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था. आईपीएस अमिताभ यश कई बड़े मामलों को लीड कर चुके हैं साथ ही उन्होंने कई आरोपियों को जेल तक पहुंचाने का काम किया है।