लखनऊ : (मानवी मीडिया) अघ्यक्ष एवं प्रशासक, ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास परियोजना डा0 हीरा लाल की अध्यक्षता में 97वीं बोर्ड बैठक उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड, गोमती बैराज, गोमती नगर, लखनऊ स्थित सभागार में सम्पन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी तथा उनके नामित प्रतिनिधि व शासन के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक का प्रारम्भ प्राधिकारी के सचिव राजीव यादव, अपर आयुक्त द्वारा करते हुये उपस्थित सदस्यों का हार्दिक स्वागत किया गया।
प्राधिकारी की बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर चर्चा की गयी तथा उन्हें पारित किया गया, जिनमें मुख्य रूप से सरयू नहर परियोजना एवं अर्जुन नहर परियोजना में कराये जा रहे भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का अनुमोदन किया गया। प्राधिकारी की वित्तीय वर्ष 2010 से 2015-16 तक की आडिटेड बैलेंस सीट का भी अनुमोदन किया गया। प्राधिकारी के पास वर्तमान में 81 वाहन जिसमें ज्यादातर 15 वर्ष पुराने हैं, प्राधिकारी द्वारा ऐसे 15 वर्ष पुराने वाहनों को नियमानुसार निष्प्रयोज्य करने हेतु नीलामी व स्क्रैप कराने के आदेश दिये गये। सरयू नहर परियोजना एवं अर्जुन नहर परियोजना में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति न होने के कारणों को प्राधिकारी के समक्ष रखा गया, जिसमें प्राधिकारी द्वारा कृषकों की भूमि पर बनाये जाने वाली नालियों के निर्माण हेतु भूमि के बदले मुआवजा दिये जाने तथा कृषकों को खड़ी फसल के बदले मुआवजा दिये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक में कच्चे कार्य को मनरेगा के माध्यम से कराये जाने का प्रस्ताव पास किया गया। प्राधिकारी द्वारा कार्यो में तकनीकी सहयोग हेतु निजी संस्थान, अर्द्धसरकारी, सरकारी संस्थान व एन0जी0ओ0 से अनुबन्ध कर कार्य को कराये जाने हेतु प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके अतिरिक्त माइक्रोइरीगेशन को बढ़ावा प्रदान करने, स्प्रींकल सिंचाई जिसके माध्यम से कम पानी में फसलों की अधिक पैदावार की जा सकती है, से प्रदेश के किसानों को जागरूक करने पर बल दिया गया। जल, जंगल और जमीन की सेवा की जाए, ताकि जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके बैठक में अनीता वर्मा सिंह, विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ0प्र0 शासन, अंजली सोनी, मुख्य वित्तीय सलाहकार, रजनीश प्रकाश चैधरी, अधीक्षण अभियन्ता एवं अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहें।
बैठक में कच्चे कार्य को मनरेगा के माध्यम से कराये जाने का प्रस्ताव पास किया गया। प्राधिकारी द्वारा कार्यो में तकनीकी सहयोग हेतु निजी संस्थान, अर्द्धसरकारी, सरकारी संस्थान व एन0जी0ओ0 से अनुबन्ध कर कार्य को कराये जाने हेतु प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके अतिरिक्त माइक्रोइरीगेशन को बढ़ावा प्रदान करने, स्प्रींकल सिंचाई जिसके माध्यम से कम पानी में फसलों की अधिक पैदावार की जा सकती है, से प्रदेश के किसानों को जागरूक करने पर बल दिया गया। जल, जंगल और जमीन की सेवा की जाए, ताकि जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके बैठक में अनीता वर्मा सिंह, विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ0प्र0 शासन, अंजली सोनी, मुख्य वित्तीय सलाहकार, रजनीश प्रकाश चैधरी, अधीक्षण अभियन्ता एवं अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहें।