लखनऊ : (मानवी मीडिया) अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस के अवसर पर आज 28 फरवरी, 2024 को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, लखनऊ द्वारा बौद्ध अनुशीलन में पंचशील विषय पर परिचर्चा, विचार गोष्ठी, पुस्तक विमोचन, चित्रकला, निबंध एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन संस्थान परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल जी माननीय सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश, हरगोविंद बौद्ध, का० अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, प्रोफेसर अभय कुमार जैन उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, अमित अग्निहोत्री निदेशक उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, डॉक्टर अवधेश कुमार चौबे अध्यक्ष केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय त्रिपुरा, संस्थान के सदस्य गण भदंत डॉक्टर के० सिरी सुमेध थेरो, भदंत धमानंद विवेचन, भदंत वर संबोधि, भदंत अनिरुद्ध भिक्षु आर्यवंश, भिक्षु देवानंद वर्धन, भिक्षु शील रतन, तरुणेश बौद्ध, धर्मराज बौद्ध, निदेशक संस्थान डॉक्टर राकेश सिंह अरुणेश, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु, विभिन्न विद्यालयों से आये छात्र-छात्राएं, अध्यापक, गणमान्य नागरिक एवं बौद्ध विद्वान तथा पत्रकार बंधु उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरगोविंद बौद्ध, का० अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ ने की। कार्यक्रम का आरंभ भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन, बुद्ध वंदना तथा भजन से हुआ। मुख्य अतिथि माननीय उपमुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य जी ने बताया कि बौद्ध धर्म एक शांतिवादी, मानवतावादी और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पैदा करने वाला धर्म है। बौद्ध धर्म को अपनाकर आज के इस वैज्ञानिक एवं भूमंडलीकरण के युग में विश्व शांति की स्थापना की जा सकती है।
आपने भारत सरकार द्वारा बौद्ध धर्म के संरक्षण एवं विकास के लिए किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल जी ने बताया कि बौद्ध धर्म के नियमो पर चलकर मानव आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ शुद्ध चित्त, विकार रहित शरीर प्राप्त करता है। प्रोफेसर डॉ० अभय कुमार जैन जी ने बताया कि भगवान बुद्ध तथा महावीर स्वामी के विचारों को अपनाकर मानव समाज के सभी कष्टों को बड़ी आसानी से दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर अवधेश कुमार चौबे जी ने बताया कि बौद्ध धर्म में पंचशील ऐसे नियमों का संग्रह है जो समाज में करुणा, मानवता एवं दया की भावना विकसित करता है। भदंत डॉक्टर के० सिरी सुमेध थेरो जी ने बताया कि बौद्ध धर्म ने सम्पूर्ण विश्व में करुणा, सहिष्णुता और दया की भावना प्रदान की है। संस्थान के का० अध्यक्ष, हरगोविंद बौद्ध ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि विश्व में व्याप्त भ्रष्टाचार, आतंकवाद, ईर्ष्या-द्वेष की भावना को समाप्त कर एक स्वस्थ, संपन्न, लोकमंगलकारी समाज के निर्माण में भगवान बुद्ध के उपदेश सार्वभौमिक व सर्वकालिक हैं।
इसके साथ ही आपने बुन्देल खंड की धरती पर भारत सरकार द्वारा बौद्ध धर्म के विकास एवं विस्तार के लिए किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संस्थान के मा० सदस्य भिक्षु शील रतन जी ने बौद्ध धर्म में पंचशील सिद्धांत के महत्त्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह जी ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्थान प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता, विपश्यना तथा भगवान बुद्ध के विचारो के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक कार्यक्रम लगातार संचालित कर रहा है। इस अवसर पर संस्थान द्वारा प्रकाशित धम्मपद पुस्तक का विमोचन आये हुए गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान ने दया, करुणा और मानवता विषय पर चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें लगभग 150 से अधिक बच्चों ने प्रतिभागिता की।
चित्रकला प्रतियोगिता में प्रियांशी कुमारी को प्रथम, कंचन मौर्या को द्वितीय तथा अंशिका सिंह को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों संस्कृति, शिवम पाल, मनोज सिंह, करन राजपूत, किरण शर्मा को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह निबंध प्रतियोगिता में अदिति शर्मा को प्रथम, निशा चौरसिया को द्वितीय, दीपशिखा गुप्ता को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों बेबी यादव, अभिनव वर्मा, अंकित शर्मा, आर्यन गौतम, विदुषी लोधी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके साथ ही प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले अन्य सभी प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर संस्थान ने ख़ुशी फाउंडेशन के साथ मिलकर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जिसमे विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य से सम्बंधित परीक्षण जैसे आंख, ह्रदय, ब्लड प्रेशर की जाँच, सीपीआर का प्रशिक्षण आदि निःशुल्क किये गए। अंत में निदेशक संस्थान डॉ० राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।