उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) 4.0 के जरिए नया इतिहास रचने जा रही है। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 19 से 21 फरवरी के मध्य आयोजित होने जा रहे जीबीस-4 के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में 10 से 12 फरवरी के मध्य आयोजित हुए उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए जो 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे उनमें से 10 लाख करोड़ रुपए की 14000 से अधिक परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। इससे 33.50 लाख नौकरियों का रोजगार सृजन होगा।
इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने की ओर बढ़ रही योगी सरकार ने जीबीसी के विधिवत आयोजन की विस्तृत कार्ययोजना की रूपरेखा तय कर ली है। कार्ययोजना के अनुसार, 19 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों जीबीसी का उद्घाटन होगा। वहीं, 19 से 21 फरवरी के मध्य भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जिसमें 9 से ज्यादा विशेष सेक्टर्स को शोकेस किया जाएगा। इसी प्रकार, सेक्टोरल सेशंस का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) व कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा को दर्शाया जाएगा।
दो सेक्टोरल सेशंस में देखने को मिलेगी विकासयात्रा
जीबीसी 4.0 के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 20 फरवरी को ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ तथा ‘एफडीआई एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)- अनलॉकिंग अपॉरचुनीटीज़ इन उत्तर प्रदेश’ विषय पर दो संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ की रूपरेखा राज्य सरकार के विभागों एवं कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए जीबीसी में सक्रिय प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए निरूपित की गई है। यह संगोष्ठी कॉर्पोरेट्स के सीएसआर प्रमुखों के साथ सीधे संवाद की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे उन्हें संबंधित विभागों द्वारा किए गए प्रभावशाली कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और परमार्थ के कार्यों का समर्थन करने के लिए धन प्रदान करने पर विचार करने का अवसर मिलेगा। प्रदेश के लगभग 6 विभाग उत्तर प्रदेश में परियोजनाओं के अनुरूप लिए जा रहे कदमों से अवगत कराएंगे। इनमें महिला एवं बाल विकास, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, दुग्धशाला विकास विभाग तथा खेल विभाग प्रमुख हैं। वहीं, दूसरे सेक्शन में एफडीआई तथा एआई जैसे फ्यूचरिस्टिक सेक्शंस में उत्तर प्रदेश के प्रादुर्भाव से अवगत कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में नए अवसरों को अनलॉक करने पर किया जाएगा फोकस
कार्यक्रम में सेक्टोरल सेशंस के दूसरे सेशन में ‘एफडीआई एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) - अनलॉकिंग अपॉरचुनीटीज़ इन उत्तर प्रदेश’ संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता खुद सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इसका उद्देश्य राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं एवं संभावित निवेशकों को एक मंच उपलब्ध कराना है। इस संगोष्ठी के माध्यम से राज्य सरकार विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उदीयमान क्षेत्रों की संभावनाओं को का लाभ प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जागरूकता सृजित करने का प्रयास करेगी। यह नेटवर्किंग, ज्ञान साझा करने तथा सहयोग हेतु एक उत्कृष्ट मंच होगा, जो आर्थिक प्रगति व क्षेत्र के विकास में योगदान देगा।
भव्य प्रदर्शनी में दिखेगी 'नव्य उत्तर प्रदेश' की झलक
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ही 1250 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 3 दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसमें नव्य उत्तर प्रदेश की झलक देखने को मिलेगी जिसमें उत्तर प्रदेश व उसके निवेशक सहभागियों की प्रमुख विशेषताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें एआई पवेलियन, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग, डिफेंसएवं एयरोस्पेस, डेटा सेंटर/इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, ईवी एवं नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म सिटी, मेडिकल इक्विप्मेंट्स व ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) प्रमुख हैं। इस प्रदर्शनी के सफल आयोजन के लिए बाकायदा एक एजेंसी की भी नियुक्ति की जाएगी जिसकी प्रक्रिया प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए गठित की गई नोडल संस्था इनवेस्ट यूपी द्वारा शुरू कर दी गई है। इसके जरिए एग्जिबीशन सेक्टर्स को प्लान करने, इनसे संबंधित स्टॉल्स के निर्माण व अन्य सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।