मुख्यमंत्री ने सुशासन महोत्सव-2024 में वर्चुअल माध्यम से विचार व्यक्त किये - मानवी मीडिया

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Sunday, February 11, 2024

मुख्यमंत्री ने सुशासन महोत्सव-2024 में वर्चुअल माध्यम से विचार व्यक्त किये


लखनऊ : (मानवी मीडियामुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सुशासन महोत्सव-2024 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत संकल्प को हम सब के सामने प्रस्तुत करता है। लोग प्रधानमंत्री के सेवा, सुशासन और लोक कल्याण के मॉडल के साथ जुड़े हैं। विगत 10 वर्षों में देश व दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति नए भारत का दर्शन कर रहा है। देश में 140 करोड़ लोगों के विश्वास को अर्जित करने व उस पर खरा उतरने के लिए अनेक योजनाएं हैं। नया भारत सम व विषम परिस्थितियों में दुनिया को नेतृत्व देने की सामर्थ्य रखता है। यह प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प और विजनरी लीडरशिप के कारण सम्भव हुआ है।

मुख्यमंत्री  आज यहां अपने सरकारी आवास पर रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी फाउण्डेशन द्वारा नई दिल्ली स्थित डॉ0 अम्बेडकर इण्टरनेशनल सेन्टर में आयोजित सुशासन महोत्सव-2024 में वर्चुअल माध्यम से अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी फाउण्डेशन द्वारा लगातार प्रशिक्षण तथा ओरियन्टेशन के कार्यक्रम चलाये जाते हैं। यह न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना करता है, बल्कि विचार परिवार की उन भावनाओं को भी सुदृढ़ करता है, जो सेवा तथा सुशासन को अपने जीवन का लक्ष्य मानती हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में  देश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण बना है। देश की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से जनधन खाता, आधार कार्ड और मोबाइल का बेहतर उपयोग कर, भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया है। डी0बी0टी0 के माध्यम से अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार हुई है। इसी का परिणाम है कि पूरी दुनिया भारत की ओर आकर्षित हो रही है। 21 जून की तिथि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में तय की गई। दुनिया के लगभग 193 देश भारत की ऋषि परम्परा के साथ जुड़कर शारीरिक तथा मानसिक रूप से इस परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। यह प्रधानमंत्री जी के प्रयासों के कारण संभव हो सका है। यूनेस्को ने योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की है।
भारतवासी अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति कर सके इसके लिए समय-समय पर किए गए अलग-अलग प्रयोग हम सबके सामने हैं। हम वर्तमान में आजादी के अमृतकाल के प्रथम वर्ष में कार्य कर रहे हैं। हमारे वर्तमान नेतृत्व में ज्यादातर लोग सन् 1947 के बाद जन्मे हैं। आज का भारत आजादी के संघर्ष का प्रत्यक्षदर्शी नहीं बन पाया था। लेकिन जब यह देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था हर घर तिरंगा जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम सभी ने उन क्षणों का अनुभव किया। आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति सम्मान प्रकट करने, उनके स्मारकों को भव्य स्वरूप प्रदान करने तथा हर गांव व कस्बे के आजादी से जुड़े हुए नायकां, महानायकों को लिपिबद्ध करने जैसे कार्य प्रदेश सरकार ने वास्तविकता के धरातल पर उतारे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम, केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, महाकाल के महालोक का पुनरुद्धार कार्य तथा 500 वर्षों की प्रतिष्ठा के पश्चात प्रभु श्रीरामलला का भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान होना भारत की सांस्कृतिक पुनर्स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। पहले जिस अयोध्या में लोग जाने में संकोच करते थे उसी अयोध्या में विगत 18 दिनों में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रभु श्री राम लला के दर्शन किए हैं। आज अयोध्या दुनिया को आकर्षित करने का सामर्थ्य रखती है तथा स्वयं को दुनिया की सांस्कृतिक नगरी के रूप में स्थापित कर रही है। यह सब प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प व नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि वर्ष 1952 में डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने इस देश को एक स्लोगन दिया था कि ‘एक देश में दो प्रधान, दो निशान तथा दो विधान नहीं चलेंगे’। कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने का कार्य किया गया। देश हमारे लिए सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से सदैव कहा है कि ‘नेशन फर्स्ट’ हर भारतवासी का संकल्प होना चाहिए। इस संकल्प के अनुरूप जब योजनाएं बनती हैं तो वास्तविकता के धरातल पर बेहतरीन परिणाम प्राप्त होते हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उन्हें लम्बे समय तक सार्वजनिक जीवन में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। योजनाएं बनाने के साथ-साथ उनके प्रभावी क्रियान्वयन की तैयारी की जानी चाहिए। यह हमने विगत 10 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में देखा है। पूरे देश को इन योजनाओं के साथ बिना भेदभाव जोड़ा जा रहा है। सतत निगरानी के माध्यम से ईज ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्रदान करने तथा संतुष्टि के स्तर को बढ़ाने में प्रशासन बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इन सभी कार्यों में तकनीकी किस प्रकार योगदान दे सकती है, यह हम सभी ने विगत 10 वर्षों में देखा है। प्रधानमंत्री जी का सेवा, सुशासन और लोक कल्याण पर सदैव फोकस रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। युवाओं को प्रदेश के बाहर किराए पर तथा होटल और धर्मशालाओं में कमरे नहीं मिलते थे। आज प्रदेश के युवाओं को सम्मान की नजरों से देखा जाता है।

प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश एक नई पहचान के साथ देश के सामने है। जिस उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से पूर्व प्रत्येक दूसरे तीसरे दिन दंगे होते थे, कई महीनों तक कर्फ्यू लगता था। आज वह सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था के लिए मानक बना हुआ है। सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में कानून का शासन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है। यदि सरकार बिना भेदभाव कानून का राज्य स्थापित करने के संकल्प को आगे बढ़ाने का कार्य करती हैं तो उसके परिणाम भी उसी रूप में सामने आते हैं। प्रदेश ने यह करके दिखाया है। इसके लिए हमें सख्त कदम उठाने पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के 07 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इन 07 वर्षों में  25 करोड़ आबादी के इस प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण है। यह अचानक नहीं हुआ। इसके लिए पुलिस व्यवस्था में सुधार तथा प्रदेश के 07 जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करनी पड़ी। भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाना पड़ा। 01 लाख 55 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई। प्रशिक्षण तथा कैपेसिटी बिल्डिंग क्षमता का विस्तार किया गया। इसके लिए अनेक कार्यक्रम चलाए गये। पुलिस को तकनीक से जोड़ने का कार्य किया गया। स्टेट फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का गठन किया गया। कमिश्नरी और रेंज स्तर पर फॉरेंसिक लैब तथा प्रत्येक जनपद में साइबर थाने की स्थापना की गई। रिस्पॉन्स टाइम को न्यूनतम स्तर तक लाना पड़ा। परिणामस्वरूप प्रदेश की कानून व्यवस्था एक मॉडल के रूप में हम सभी के सामने हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को तकनीक का उपयोग कर शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। पहले प्रदेश के सामने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की चुनौती थी। सभी भर्ती बोर्डों और आयोगों में भर्ती की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास प्रारम्भ किए गए। परिणामस्वरूप विगत साढ़े 06 वर्षों में 06 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की गई। शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं रही। यह 06 लाख से अधिक युवा प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 क्लस्टर बड़े औद्योगिक निवेश का आधार तैयार करता है।

राज्य सौभाग्यशाली है कि यहां पहले से ही एम0एस0एम0ई0 क्लस्टर मौजूद हैं। लेकिन यह क्लस्टर दशकों से उपेक्षित थे। उनमें तकनीकी, मार्केट से जुड़ाव तथा पैकेजिंग आदि व्यवस्थाओं का अभाव था। यह सभी बंदी की कगार पर थे। प्रदेश सरकार द्वारा परम्परागत उद्यम और एम0एस0एम0ई0 को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ की गई। आज प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना अपने यूनीक प्रोडक्ट के साथ योगदान दे रही है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश की 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को पुनर्जीवित करने में सफलता प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत टेक्निकल इंस्टीट्यूशन तथा उच्च शिक्षा से जुड़े संस्थानों में अध्ययन करने वाले छात्रों को अध्ययन के अंतिम वर्ष में अपना प्रोजेक्ट वर्क करते समय किसी उद्योग या संस्था के साथ जुड़ने पर आधा मानदेय सरकार तथा आधा मानदेय उद्योग या संस्था उपलब्ध कराएगी। वह छात्र अपनी पढ़ाई के अंतिम वर्ष में ही रोजगार या अन्य कार्य के साथ जुड़कर आत्मनिर्भरता तथा स्वावलंबन की ओर अग्रसर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी औद्योगिक पार्क का गठन हो सकता है। इसको प्रोत्साहित करने के लिए यूपी प्लेज पार्क योजना लागू की गई है। इस वर्ष के बजट में नए उद्यमियों के लिए एक व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को 05 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 01 लाख युवा उद्यमियों को जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में साढ़े सात लाख रुपये तथा तीसरे चरण में 10 लाख रुपए तक की सहायता राज्य सरकार के स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश ने कोरोना जैसी महामारी का सफलतापूर्वक सामना किया। एम0एस0एम0ई0 के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का परिणाम था कि कोरोना काल में प्रदेश में वापस आए 40 लाख कामगारों की स्किल मैपिंग कर उन्हें एम0एस0एम0ई0 इकाइयों के माध्यम से रोजगार से जोड़ा गया। वह आज भी उन एम0एस0एम0ई0 इकाईयों में सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने किसी को बेरोजगार नहीं होने दिया। उद्यम चलते रहे। प्रदेश में सभी 119 चीनी मिलों को चलाया गया। प्रदेश का चीनी उद्योग वर्ष 2017 से पूर्व बंदी की कगार पर था, आज चीनी उद्योग आत्मनिर्भर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर उठाए गए कदमों के कारण प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से ऊपर उठकर स्वावलम्बी राज्य के रूप में स्वयं को स्थापित करने में सफल हुआ है। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर मॉडल है। तकनीक का बेहतर उपयोग किया गया है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश के बेहतरीन प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। फरवरी 2023 में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया गया। इस इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके माध्यम से एक करोड़ 30 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा सकेगा। इस दिशा में कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। आगामी 19 फरवरी, 2024 को ग्राउण्ड बेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री के कर-कमलों द्वारा 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के भूमि पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग हस्तशिल्पियों और कारीगरों की ताकत का एहसास नहीं कर पाते थे। हस्तशिल्पी तथा कारीगर गांधी जी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करते हैं। इन सभी की स्किल मैपिंग, ट्रेनिंग तथा टूल किट प्रदान करने की व्यवस्था की गई। लगभग 01 लाख परम्परागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को अनेक योजनाओं से जोड़ने तथा आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया गया। पी0एम0 विश्वकर्मा योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में तेजी के साथ परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित किया गया है। परिणामस्वरूप प्रदेश के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। वर्ष 2017 से पूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति बदहाल थी। मार्च, 2017 से ही प्रदेश के सभी 75 जनपदों को समान रूप से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। अब प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है। घरेलू, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को फोरलेन सड़कों के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे क्रियाशील हो चुका है, जो प्रदेश की राजधानी लखनऊ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर तक जोड़ता है। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा लोकार्पित किया जा चुका है। यह बुंदेलखण्ड के सभी जनपदों को जोड़ते हुए आगे बढ़ता है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।

लगभग 600 किलोमीटर लंबाई व मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज कुम्भ वर्ष 2025 से पूर्व राष्ट्र को समर्पित करने का प्रयास है। 12 लेन का एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ को जोड़ चुका है। इस एक्सप्रेसवे के बनने के पूर्व मेरठ से दिल्ली की दूरी तय करने में लगभग तीन -साढे़ तीन घंटे लगते थे। अब मात्र 45 मिनट में इस दूरी को तय किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली-मेरठ के बीच प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा प्रारम्भ की जा चुकी है। देश में सबसे अधिक शहरों में मेट्रो का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य में हो रहा है। देश का पहला इनलैंड वॉटरवे वाराणसी तथा हल्दिया के बीच में प्रारम्भ हो चुका है। प्रदेश में इनलैंड वॉटरवे अथॉरिटी का गठन किया जा चुका है। अयोध्या को इनलैंड वॉटरवे के साथ जोड़ने की कार्यवाही प्रचलित है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से पूर्व मात्र 02 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील थे। आज प्रदेश में चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। पांचवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बहुत शीघ्र बनने जा रहा है। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है। कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहले से कार्यरत हो चुका है। बहुत शीघ्र जेवर में नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ प्रदेश में 10 नए एयरपोर्ट फंक्शनल करने जा रहे हैं। लगभग 21 घरेलू एवं इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ प्रदेश, देश में बेहतरीन एयर कनेक्टिविटी के लिए जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए लॉजिस्टिक की अनन्त सम्भावनाएं हैं। इससे अनेक रोजगार सृजित होंगे। प्रदेश के सेवा क्षेत्र में भी अनेक सम्भावनाएं हैं। राज्य में पर्याप्त जल संसाधन तथा उर्वर भूमि है। विगत 06 वर्षों में कृषि विकास दर को 03 गुना से अधिक बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है। इस दौरान प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि किसानों को तकनीक से जोड़ने का प्रयास किया गया। नेचुरल और ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया गया। उनके सर्टिफिकेशन की कार्रवाई को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया। वर्ष 2017 से पूर्व 22 वर्षों में गन्ना किसानों को 02 लाख 03 हजार करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े 06 वर्षों में गन्ना किसानों को 02 लाख 35 हजार करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री जी के किसानों की आमदनी को दोगुना करने के संकल्प को साकार करने में राज्य सरकार किस प्रकार सहायक हो सकती है, यह उसका उदाहरण है।

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