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Wednesday, February 28, 2024

यूको बैंक के शाखा प्रबन्धक को 05 वर्ष की कठोर कारावासकी सजा

 


लखनऊ (मानवी मीडिया)सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, गाज़ियाबाद ने आपराधिक षड़यंत्र,  कदाचार, धोखाधड़ी एवं जालसाजी आदि का  अपराध करने पर श्री के.के. भारद्वाज, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूको बैंक, ताहरपुर भबीसा शाखा, मुजफ्फरनगर (यू.पी.) को 05 वर्ष की कठोर कारावास के साथ 70,000/- रु. के जुर्माने की सजा सुनाई। 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूको बैंक, ताहरपुर भबीसा शाखा, मुजफ्फरनगर एवं अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध  दिनाँक 31.03.1993 को मामला दर्ज किया। यह आरोप है  कि वर्ष 1991-92 के दौरान यूको बैंक के शाखा प्रबंधक के रूप में तैनात व  कार्यरत रहते हुए आरोपी ने आपराधिक कदाचार, धोखाधड़ी एवं  जालसाजी के अपराध को करने  के उद्देश्य से निजी व्यक्ति के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचा। निजी व्यक्ति ने बैंक की उक्त शाखा में दो फर्जी नामों यथा  अशोक कुमार शर्मा और नरेंद्र कुमार गोयल के नाम पर दो बचत  खाते खोले थे। आरोपी शाखा प्रबंधक ने उक्त दोनों खातों को  बेईमानी से खोलने की अनुमति दी थी।

इसके पश्चात, यह आरोप है कि  अशोक कुमार शर्मा के नाम से खोले गए खाते में दिनाँक 24.12.91 एवं  04.11.92 को 27 लाख रु. (लगभग) जमा किए गए। बाद में इसका उपयोग उक्त निजी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत चेक के माध्यम से तीन व्यक्तियों के नाम पर ड्राफ्ट(Drafts) तैयार करने के लिए किया गया था। इसी प्रकार से श्री नरेंद्र कुमार गोयल के नाम पर खोले गए दूसरे खाते में 21 लाख रु. जमा किए गए थे, जिसका उपयोग आरोपी श्री के.के. भारद्वाज द्वारा विभिन्न राशियों के 8 ड्राफ्ट जारी करने हेतु  किया गया था। ये ड्राफ्ट उक्त शाखा प्रबंधक द्वारा जारी किए गए थे, जिन्होंने यह प्रमाणित करते हुए फर्जी प्रमाणपत्र भी जारी किए थे कि ये ड्राफ्ट एनआरई खाते(NRE account) से जारी किए गए एवं  ये धनराशि,  परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा(Convertible Foreign Exchange) में प्राप्त की गई थी।

आरोपी  के.के. भारद्वाज, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूको बैंक द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के आधार पर, उपरोक्त डिमांड ड्राफ्टों  के माध्यम से राशि प्राप्त करने वाले व्यक्तियों ने विदेशी मुद्रा (Immunities/प्रतिरक्षा) योजना, 1991 के तहत आयकर में छूट का दावा किया, जिसके तहत कोई भी उपहार अनिवासी बाह्य खाते(Non Resident External Account) से प्राप्त धनराशि को आयकर से छूट प्राप्त थी।

जांच के पश्चात, सीबीआई ने  के.के. भारद्वाज एवं  उक्त निजी व्यक्ति के विरुद्ध दिनाँक 23.02.1996 को आरोप पत्र दायर किया।

विचारण  की कार्यवाही के दौरान, माननीय विचारण न्यायालय  ने पांच अतिरिक्त आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध  भी संज्ञान लिया, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। इसके पश्चात, माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दिनांक 02.03.2016 के आदेश के तहत एक अतिरिक्त आरोपी के संबंध में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसे दिनाँक 18.12.2020 को रद्द कर दिया गया था।

चूंकि, आरोप-पत्रित आरोपी निजी व्यक्ति की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई, इसलिए उसके विरुद्ध  आरोप हटा लिए गए। अन्य आरोप पत्र में नामित व्यक्ति  के संबंध में विचारण  अलग स्तर का होने के कारण, आरोपी श्री के.के. भारद्वाज के संबंध में मुकदमा विचारण अदालत  द्वारा अतिरिक्त आरोपी व्यक्तियों (पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट) से अगस्त, 2023 में अलग कर दिया गया। 

आरोपी  के.के. भारद्वाज के विरुद्ध विचारण  पूरा होने के पश्चात, विचारण अदालत ने आरोपी को कसूरवार  पाया एवं  उसे  तदनुसार सजा सुनाई।


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