लखनऊ : (मानवी मीडिया) कल 23 फरवरी से 03 मार्च, 2024 तक थाईलैंड में आयोजित किये जा रहे बुद्ध भूमि कार्यक्रम में पर्यटन विभाग उ0प्र0 प्रदेश में स्थित बौद्ध स्थलों की ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग के लिए पवेलियन स्थापित करेगा। यह कार्यक्रम बैंकाक के सनम लुयांग रॉयल मैदान में आयोजित किया जा रहा है। पवेलियन के माध्यम से भगवान बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के बारे में प्रचार-प्रसार करके पर्यटकों को लुभाने तथा निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेगा।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बुद्ध भूमि कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग पवेलियन के माध्यम से निवेशकों को लुभाने एवं प्रदेश में स्थित बौद्ध धर्म से संबंधित विभिन्न स्थलों में निवेश के अवसर और व्यवसाय संभावनाओं की जानकारी दी जायेगी। इस कार्यक्रम में आगन्तुकों को कुशीनगर, सारनाथ, श्रावस्ती, कपिलवस्तु समेत अन्य बौद्ध स्थलों से जुड़ी लघु फिल्म भी दिखाई जायेगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अभी हाल में सम्पन्न चतुर्थ ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि उ0प्र0 में भारत का सबसे बड़ा टूरिज्म हब बनने की सामर्थ्य है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि उ0प्र0 पिछले 6-7 वर्षों में अपनी छवि में परिवर्तन किया है। बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर असीमित सामर्थ्य युक्त राज्य के रूप में स्थापित हो चुका है। इसका लाभ पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को उठाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कम समय एवं कम लागत में प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने के लिए उ0प्र0 में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे तथा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हैं।
जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि दुनिया को बौद्ध स्थलों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए। जिससे अधिक से अधिक पर्यटक इन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि पवेलियन में आने वालों को भगवान बुद्ध से संबन्धित पुस्तकें, बौद्ध धार्मिक स्थलों से जुड़े यात्रा वृतांत की जानकारी मिलेगी। इस आयोजन में कई परिचर्चाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उ0प्र0 देश का एक ऐसा राज्य है, जिसके पास भगवान बुद्ध की जीवन से जुड़े सर्वाधिक बौद्ध स्थल एवं तीर्थ हैं। जिसमें भगवान बुद्ध की ननिहाल देवदह, कपिलवस्तु, भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली तथा धम्मेक स्तूप सारनाथ, सर्वाधिक वर्षावास स्थली श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिसा, बौद्ध गुफा संकुल देवगढ़, ललितपुर, यक्ष की उपदेश स्थली अहिछत्र, महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर तथा रामग्राम स्तूप में भगवान बुद्ध के अवशेष अभी भी मौजूद हैं। इन पवित्र स्थलों के दर्शन के लिए कंबोडिया, थाईलैंड, बर्मा (म्यांमार), भूटान, नेपाल, श्रीलंका, लाओस और मंगोलिया, चीन, वियतनाम, हांगकांग, जापान, सिंगापुर, ताइवान, कोरिया और हिमालय क्षेत्र से हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
जयवीर सिंह ने बताया कि बौद्ध विरासत की सबसे समृद्ध धरोहर उत्तर प्रदेश के पास है। बौद्ध पर्यटन उद्योग की दृष्टि से भी उत्तर प्रदेश सर्वाधिक संभावनाओं वाला प्रदेश है। उन्होंने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में पर्यटन विभाग की आम भूमिका होगी, क्योंकि पर्यटन सेक्टर में रोजगार, आमदनी तथा निवेश की बेहतर संभावनायें हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन सेक्टर पर विशेष फोकस कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अपेक्षित लक्ष्य तक ले जाया जा सकता है