लखनऊ : (मानवी मीडिया) डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे करीब 200 स्टूडेंट ने पत्र के माध्यम से साल 2047 में विकसित भारत कैसा होना चाहिए। इस पर अपने विचार रखें हैं। ज्यादातर स्टूडेंट ने हेल्थ केयर सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए योजनाओं में सुधार की जरूरत बताई है।
डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान के डीन डॉक्टर प्रद्युमन सिंह ने बताया कि छात्रों से साल 2047 में विकसित भारत कैसा हो इसके लिए फीडबैक मांगा गया था। इस पर करीब 200 छात्र-छात्राओं ने अपने विचार रखे हैं। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं के विचारों को सुनने के बाद कई ऐसी बातें निकाल कर सामने आई है, जिससे हेल्थ केयर सिस्टम में सुधार के साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में कामयाबी हासिल की जा सकती है।
उन्होंने स्टूडेंट की राय का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे यहां बहुत सारे बच्चे ग्रामीण परिवेश से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आए हैं। इन बच्चों ने समस्याओं को बहुत करीब से देखा है और शायद यही वजह है कि वह समस्याओं से निपटने की राह भी समझते हैं।
डाक्टर प्रद्युमन सिंह ने बताया कि छात्रों ने अपने फीडबैक पेपर भी जमा कराए हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि हेल्थ केयर सिस्टम में हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा ईएमआई की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे आम लोगों को इलाज करने में पैसे का अभाव न झेलना पड़े और वह बेहतर से बेहतर इलाज अच्छे से अच्छे संस्थान में करा सकें। स्टूडेंट ने EMI व्यवस्था का स्वरूप भी बताया है। जिसमें कहा गया है कि इलाज में जो भी खर्च आए वह धीरे-धीरे करके इंस्टॉलमेंट के आधार पर मरीज बाद में जमा कर सके।
इसी तरह छात्रों ने पर्यावरण को व्यवस्थित रखने के लिए एक सुझाव और दिया है,जिसमें कहा गया है कि जो भी छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने आए वह एक पेड़ जरूर लगाए और अपने पढ़ाई के दौरान उस पेड़ की देखभाल करें। जो जितनी अच्छी देखभाल करे उसके अनुसार ऐसे छात्रों को अंक भी संस्थान की तरफ से दिए जाएं। जब इस तरह के कार्यों के अंक पढ़ाई में शामिल होंगे, तो छात्र और बेहतर तरीके से पेड़ पौधों की देखभाल करेंगे और उससे पर्यावरण अच्छा होगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसंबर को विकसित भारत: 2047, युवाओं की आवाज योजना को शुरू किया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विकसित भारत योजना का उद्देश्य आजादी के 100 साल बाद देश को विकसित बनाना है। इस दौरान उन्होंने युवाओं से विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भागीदारी भी सुनिश्चित करने को कहा था। जब यह योजना लॉन्च की गई थी यानी की 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के राज भवन में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।
राज भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक वा कुछ विभागों के प्रमुख भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों को सुनकर लोहिया संस्थान प्रशासन ने 23 दिसंबर को एक कार्यक्रम का आयोजन लोहिया संस्थान में किया था। जिसमें एमबीबीएस तथा नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को आजादी के 100 साल बाद यानी की 2047 में विकसित भारत की तस्वीर कैसी हो, इसके लिए एक रोडमैप बनाने के लिए कहा था। इसके बाद करीब 200 छात्र-छात्राओं ने न सिर्फ अपने विचार रखें बल्कि उन विचारों को पत्र के माध्यम से लोहिया संस्थान प्रशासन को सौंपा है।