लखनऊ : (मानवी मीडिया) रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने वाले संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही रोबोटिक सर्जरी केंद्र बनने जा रहा है। इस समय पांच विभागों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिल रही है।एसजीपीजीआई में वर्ष 2019 से यूरोलॉजी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और कार्डियोवास्कुलर और थोरैसिक सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी हो रही है।
इस समय यहां पर करीब चार सौ रोबोटिक सर्जरी हर साल हो रही हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए संस्थान रोबोटिक सिस्टम के साथ समर्पित तीन मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर के साथ अत्याधुनिक ''रोबोटिक सर्जरी केंद्र'' बनाने जा रहा है। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में जटिल ऑपरेशन ज्यादा सटीक, सुरक्षित ओर बेहतर तरीके से किए जा सकते हैं। इससे मरीज को कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है।
प्रो. धीमन ने बतायि कि संस्थान में जल्द ही गामा नाइफ की सुविधा भी मिलेगी। गामा नाइफ रेडियोसर्जरी एक प्रकार की रेडियेशन थेरेपी है, जो अत्यधिक सटीकता के साथ ट्यूमर पर वार करती है। इससे अन्य अंगों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।संस्थान के तीन विभागों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। इनमें क्रिटिकल केयर मेडिसिन में बेड की संख्या 20 से बढ़ाकर 40, सर्जिकल एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में बेड की संख्या 30 से बढ़ाकर 60 और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में यह संख्या 60 से बढ़ाकर 90 बिस्तर की जा रही है।