(मानवी मीडिया) : देशभर में मालदीव्स वर्सेज लक्षद्वीप की बहस छिड़ी है. जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया. उन्होंने मालदीव में छुट्टियां बिताने की जगह लक्षद्वीप में छुट्टी बिताने की बात कही. इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का साल 1987 का लक्षद्वीप दौरा फिर से चर्चा में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आरोप है
उन्होंने इस दौरे में भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS विराट का इस्तेमाल टैक्सी के तरीके से किया. लेकिन दिसंबर 1987 के अखबारों को खंगालने के पर इस यात्रा की कुछ और परतें खुलती हैं. अखबारों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी दिसंबर 1987 में लक्षद्वीप छुट्टी मनाने के लिए गए थे. पूर्व पीएम की ये यात्रा दिसंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर 15 जनवरी 1987 तक चली थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजीव गांधी छुट्टी मनाने लक्षद्वीप गए तो वहां माहीलैंड से लक्षद्वीप तक आम लोगों की एंट्री को रोक दिया गया. यह चौंकाने वाला कदम है. क्योंकि इन द्वीपसमूह पर वैसे भी बहुत कम लोग रहते हैं जानकारी के अनुसार जब लोगों की यात्रा पर रोक लगाई गई, तो पहले से ज्यादा लोग माहीलैंड में जमा हो गए.
यहां से आगे जाने के लिए उन्हें भारतीय गृह मंत्रालय से पहले मंजूरी लेनी पड़ती थी. उन्हें द्वीप पर जाने के लिए उचित कारण बताने होते थे. हालांकि, बाद में वहां कोई भी द्वीप प्रशासन कार्यालय से जारी किए टूरिस्ट पास पर जा सकता था. इसके लिए कोच्चि से द्वीप तक चलाई जाने वाली लाइसेंसी शिप में बतौर टूरिस्ट यात्रा कर सकते थे.