अयोध्या : (मानवी मीडिया) यूपी सरकार ने चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ की समाधि स्थल का भी कायाकल्प कराया है. मान्यता है कि यहां मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस समाधि स्थल पर पूजन-अर्चन करने वाले साधकों को शनि की साढ़ेसाती जैसी महादशा के प्रकोप से छुटकारा मिल जाता है. अनेक धार्मिक व पौराणिक प्रतीकों वाले दशरथ समाधि स्थल की पूर्ववर्ती सरकारों ने सुधि नहीं ली
लेकिन जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी तो अयोध्या के साथ ही इस स्थल के जीर्णोद्धार का मार्ग प्रशस्त हो गया. अयोध्या के पूरा बाजार ग्राम पंचायत के उत्तर दिशा में धार्मिक, पौराणिक इतिहास समेटे बिल्वहरि घाट के समीप राजा दशरथ का समाधि स्थल व भव्य मंदिर है. श्री राम जन्मभूमि से लगभग 15 किमी दूर इस स्थान का प्रथम चरण में सुदृढ़ीकरण व सौंदर्यीकरण कराया गया है. द्वितीय चरण में भी योगी सरकार यहां विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
पद्मपुराण में राजा दशरथ समाधि स्थल के महत्व का है वर्णन पद्मपुराण में भी राजा दशरथ समाधि स्थल के आध्यात्मिक महत्व का वर्णन करते हुए कहा गया है कि जो भी मनुष्य एक बार यहां आकर दर्शन करके दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ व स्मरण करता है, उसे शनिजन्य कष्टों से मुक्ति मिलती है. यहां विद्यमान कर्मफल दाता शनिदेव का एक विलक्षण विग्रह भी विद्यमान है.