लखनऊ : (मानवी मीडिया) ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। जिन ग्राम पंचायतों में एक हजार की आबादी पर एक भी मरीज नहीं मिलेंगे, उसे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा। इन ग्राम पंचायतों को 24 मार्च को जिलाधिकारी के जरिए प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
टीबी के खात्मे के लिए जांच सुविधाओं को बढा़या गया है। इन दिनों 186 सीबीनेट और 582 ट्रूनेट से जांच की जा रही है। वर्ष 2023 में 5.83 लाख नए मरीज मिले हैं। जिस ग्राम पंचायत में कोई भी टीबी का मरीज नहीं मिलेगा, वहां जिला मुख्यालय की टीम दोबारा जांच करेगी।
इस तह जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) और जिला पंचायत राज अधिकारियों की ओर से संबंधित ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। फिर संबंधित ग्राम पंचायत को 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस पर जिलाधिकारी संबंधित ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त होने का प्रमाण पत्र देंगे।
राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डा. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने में पंचायत विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अहम भूमिका होगी। जिला क्षय रोग अधिकारी के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), टीबी होम विजिटर (टीबीएचवी), सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की इस मुहिम में अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है। आशा कार्यकर्ता टीबी मरीजों की जानकारी आशा डायरी में दर्ज करेंगी, समुदाय में टीबी रोगियों की पहचान करेंगी और जांच में मदद करेंगी।