नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर खरी खरी सुनाई है। पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है।
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत हमेशा माइंड गेम में चीन से हारा है? इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘मुझे ऐसा नहीं लगता कि हम हमेशा हारे हैं लेकिन पूर्व में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिन्हें आज समझना बहुत मुश्किल है।
पंचशील समझौता भी इसका उदाहरण है। हम सदियों पुरानी सभ्यताएं हैं और जब हम एक दूसरे से रिश्तें आगे बढ़ाएं तो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।’
जयशंकर ने नेहरू और सरदार पटेल के यथार्थवादी दृष्टिकोण के बीच अंतर समझाते हुए कहा, ‘उदाहरण के लिए जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट की बात आई, तो हमें बिल्कुल वह सीट लेनी चाहिए थी. खैर वह एक अलग बहस है, लेकिन यह कहना कि हमें पहले चीन को (सुरक्षा परिषद में) जाने देना चाहिए- चीन का हित पहले आना चाहिए,
यह एक बहुत ही अजीब बयान है।’ एस. जयशंकर का कहना था कि हम पाकिस्तान से बातचीत से इनकार नहीं कर रहें पर हम उन शर्तों पर बातचीत नहीं करेंगे जहां पाकिस्तान आतंकवाद को वैध मानने की पैरोकारी कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से हाल के महीनों में बातचीत की आवाजें आती रहीं हैं. ऐसे में विदेश मंत्री का यह बयान काफी महत्तवपूर्ण है।