गोरखपुर : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद रामगढ़ताल के किनारे प्रस्तावित विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर पीपीपी मॉडल यानी सार्वजनिक निजी भागीदारी पर बनाया जाएगा. जीडीए की ओर से विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर की कवायत शुरू हुई है.इसे चंपा देवी पार्क एवं वाटर पार्क वाली जमीन पर बनाया जाएगा.पहले भूमि मुद्रीकरण के आधार पर इस परियोजना को आगे बढ़ाने की तैयारी थी बोली के आधार पर जिसे कन्वेंशन सेंटर के विकास का जिम्मा मिलता उसे जमीन दी जाती. वह जमीन विकास कर्ता को फ्री होल्ड देने की योजना थी.लेकिन दोबारा प्रकाशित आरएफपी में जमीन लीज पर दी जाएगी.
नई सीरीज रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) प्रकाशित किया जाएगा. 26 दिसंबर को अपराह्न 2:00 बजे तक निविदा डाली जाएगी.प्री बिड मीटिंग 12 दिसंबर को होगी इस परियोजना के तहत 24.65 एकड़ में विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर,फाइव स्टार होटल,एलिट क्लब, यूपी हॉट व आध्यात्मिक पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा इसमें जिस फार्म का चैन होगा उसके पास ही इसे बनाने और संचालन करने का जिम्मा होगा.
18.11एकड़ जमीन पर कन्वेंशन सेंटर,आध्यात्मिक पुस्तकालय,एलीट क्लब, यूपी हार्ट का अनिवार्य रूप से निर्माण किया जाएगा. यह जमीन 33 साल के लीज पर दी जाएगी. समय सीमा पूरी होने के बाद दोबारा इसकी बोली होगी.सर्वाधिक बोली लगाने वाली फर्म द्वारा दी गई दर पर पुरानी फर्म को संचालन आगे बढ़ने का प्रस्ताव दिया जाएगा. उसके इनकार करने के बाद ही नई फर्म को अधिकार मिलेगा.
कन्वेंशन सेंटर की होगी यह होगी क्षमता इस मामले में प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि इसी प्रकार से 99 साल के लिए 6.54 एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी. यहां फाइव स्टार होटल का निर्माण किया जाएगा. इस योजना का संचालन करने वाली फर्म जीडीए को पहले न्यूनतम 51 करोड रुपए देगी. यह धनराशि बोली के अनुसार बढ़ सकती है. निर्माण होने के बाद हर साल 12 करोड रुपए 10 साल तक देना होगा. इस योजना में कुल निर्माण 8 लाख वर्ग मीटर से अधिक पर होगा.
इसमें कन्वेंशन सेंटर 37000 वर्ग मीटर यानी 3लाख 98 हजार 120 वर्ग मीटर पर होगा. यहां 5000 लोगों की बैठने की व्यवस्था होगी इसकी संरचना में बदलाव हो सकेगा और अलग-अलग भागों में विभक्त भी किया जा सकेगा. इसी के साथ 8 बैठक कक्ष बनाए जाएंगे.प्रत्येक में 120 लोग बैठ सकेंगे. चार बैठक हाल ऐसे होंगे जिनमें से प्रत्येक में 100 लोग बैठ सकेंगे.भारत के आध्यात्मिक पुस्तकालय का निर्माण भी इसी के साथ होगा.