दिल्ली : (मानवी मीडिया) सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मार्च से ही वह मंत्री बनने का खुद ऐलान कर चुके हैं। कई बार तो डेट भी उन्होंने खुद दे दी लेकिन अभी तक मंत्री पद की शपथ लेने की डेट का संयोग नहीं बन पा रहा है। ऐसे में एक बार फिर ओपी राजभर दिल्ली पहुंचे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है।
इस मुलाकात को राजभर ने शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि यूपी और बिहार की राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। यह भी कहा कि भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार से दिल्ली सरकार को रिपोर्ट मंगाने पर गंभीर चर्चा हुई।
ओपी राजभर आधिकारिक रूप से जुलाई में एनडीए का दोबारा हिस्सा बन गए थे। उसके बाद से ही राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाने की चर्चा शुरू हो गई थी। खुद राजभर ने जल्द मंत्री बनने का खुलेआम ऐलान भी किया। चार महीने बाद भी जब मंत्री बनने का संयोग नहीं बन सका तो उन्होंने दिल्ली की राह पकड़ी।दिल्ली से लौटने पर उनकी बोली कुछ बदल गई। कहा कि जब भी योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा वह मंत्री जरूर बनेंगे। माना गया कि दिल्ली और लखनऊ के बीच उनका मंत्री बनने का ख्वाब अटक गया है। इसी बीच उन्होंने सीएम योगी से भी लखनऊ में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद भी बात आगे नहीं बढ़ सकी।
योगी से तकरार के बाद हुए थे सपा के साथ
ओपी राजभर योगी की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा एनडीए का ही हिस्सा थी। चुनाव बाद भाजपा को बहुमत मिला और योगी ने सीएम पद की शपथ ली तो ओपी राजभर को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
इस बीच राजभर की सीधे सीएम योगी से तकरार शुरू हो गई। दोनों के बीच विवाद इतना गहरा गया कि योगी ने राजभर को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद राजभर ने सपा का दामन थामा। 2022 का विधानसभा चुनाव भी सपा के साथ मिलकर लड़ा। इस फैसले का राजभर को कोई फायदा नहीं हुआ। सपा की करारी हार के बाद अखिलेश पर राजभर निशाना साधने लगे। इस बीच भाजपा के ही कुछ नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व से सीधी बातचीत कर एनडीए में दोबारा शामिल हो गए।