लखनऊ : (मानवी मीडिया) खेती में नवाचार ने प्रदेश की महिला किसानों की तकदीर बदल दी है। कृषि वैज्ञानिकों का सहयोग और खेती में कुछ अलग और नया करने की ललक ने उन्हें उत्कृष्ट बना दिया है। अभी तक एक-एक रुपये के लिए मोहताज रहने वाली महिलाएं अब खुद पूरे परिवार का खर्च चला रही हैं।
खुद को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही अपने गांव के आसपास की महिलाओं को रोजगार को भी स्वावलंबी बना रही हैं। इन उत्कृष्ट महिला किसानों के प्रति न सिर्फ समाज का नजरिया बदला है बल्कि सरकार भी इसका हर स्तर पर सहयोग कर रही है। इन महिलाओं को किसान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया। पेश है इन महिलाओं की सफलता की कहानी बयां करती रिपोर्ट :
गोरखपुर जिले के इटहियां गांव निवासी मालती जूनियर हाईस्कूल तक शिक्षा ग्रहण की है। उनके पति भगवान दास अन्य किसानों की तरह ही खेती करते थे। इसी बीच मालती को कृषि विज्ञान केंद्र की जानकारी मिली। वह पति- पत्नी वहां गए और बहुफसली खेती की जानकारी ली आर्थिक तंगी झेल रही मालती ने करीब सात एकड़ में गौरजीत किस्म के आम और बीज रहित लीची की बागवानी की। बाग के नीचे जीमीकंद और नर्सरी शुरू कर दी। पशुओं के गोबर से जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट तैयार की। इसी खाद को खेत में प्रयोग करती और खाद बेचती भी हैं।