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Saturday, December 16, 2023

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने ओटीएस, आरडीएसएस, बिजनेस प्लान की समीक्षा कर कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश


लखनऊ: (मानवी मीडिया) विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान हेतु तथा उनके बकाये बिलों के भुगतान और चोरी के मामलों को निस्तारित करने के लिये एकमुश्त समाधान योजना 08 नवम्बर से शुरू की। 15 दिसम्बर तक इस योजना के दो चरण पूरे हो चुके है और विद्युत कर्मियों की मेहनत से लोगों को ओटीएस का बड़े पैंमाने पर लाभ मिला है। ओटीएस के दो चरणों में 32.63 लाख उपभोक्ताओं ने लाभ लिया और इससे 3300 करोड़ रूपये राजस्व की प्राप्ति हुयी। इससे उपभोक्ताओं को भी 1120 करोड़ रूपये का छूट में फायदा हुआ।  विद्युत चोरी के मामलों में भी 69 हजार लोगों ने इसका लाभ लिया। ओटीएस का तीसरा चरण 31 दिसम्बर तक चलेगा। 

अभी भी वक्त है, ऐसे उपभोक्ता जिनका बकाया है या विद्युत चोरी के प्रकरण है, वे जल्द से जल्द अपनी समस्या का समाधान करा ले। 31 दिसम्बर के पश्चात ओटीएस की अवधि नहीं बढ़ायी जायेगी। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा शनिवार को शक्ति भवन में ओटीएस, आरडीएसएस व बिजनेस प्लान की समीक्षा कर रहे थे। इन योजनाओं का फायदा लोगों को मिले इसके लिये उन्होने कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि ओटीएस के प्रति लोगों का जबरदस्त रूझान है, 


इसमें अभी और परिश्रम की जरूरत है जिससे की कोई भी व्यक्ति इसके लाभ से वंचित न हो जाये। अभी तक की सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाली यह ओटीएस योजना है। 31 दिसम्बर, 2023 के बाद जिन उपभोक्ताओं का बकाया शेष रहेगा या विद्युत चोरी के मामले निस्तारित नहीं हो सकेंगे, ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होने निर्देश दिये कि बड़े बकायेदारों से वसूली के लिये मुख्यालय, डिस्कॉम, क्षेत्रीय एवं जिला स्तरीय कार्यालयों से भी प्रयास किये जाये। खासतौर से मोटी चमड़ी वाले बकायेदारों पर विशेष ध्यान देना है।

उन्होने बताया कि ओटीएस के दो चरणों में पूर्वांचल में 9.30 लाख, मध्यांचल में 9.25 लाख, दक्षिणांचल में 07.13 लाख, पश्चिमांचल में 07.12 लाख, केस्को में 20 हजार उपभोक्ताओ ने ओटीएस में पंजीकरण करा कर सरचार्ज में छूट का लाभ लिया। इसी प्रकार विद्युत चोरी में पूर्वांचल में 18 हजार, मध्यांचल में 11 हजार, दक्षिणांचल में 18 हजार, पश्चिमांचल में 21 हजार तथा केस्कों में 1350 लोगों ने ओटीएस का लाभ लेकर अपने प्रकरणों को समाप्त किया।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आने वाली गर्मी में प्रदेशवासियों को बिजली संकट का सामना न करना पड़े इसके लिये अभी से जो भी आवश्यक मेन्टिनेंस के कार्य हो उन्हे समय से पूरा करे। उन्होने सभी विद्युत अधिकारियों को आरडीएसएस के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा चलायी गयी आरडीएसएस योजना से प्रदेश के विद्युत ढांचे को सुदृढ कर आने वाले समय से अनुकूल विद्युत व्यवस्था बनानी है। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 


उन्होने मिर्जापुर, बस्ती, गोण्डा में योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और एमडी पूर्वान्चल को सख्त निर्देश दिये कि ऐसी कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही करे। उन्होने बिजनेस प्लान के तहत कराये जा रहे अनुरक्षण कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होने क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से भी हमेशा कार्यों के सम्बन्ध में फीडबैक लेने और उनके परामर्श के अनुसार कार्य करने को कहा। उन्होने कहा कि आरडीएसएस और बिजनेस प्लान के तहत कराये जा रहे कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। इन कार्यों से लोगों को क्या फायदा होगा। इसका भी प्रचार-प्रसार किया जाये।

ए.के, शर्मा ने निर्देश दिये कि किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिये विद्युत आपूर्ति में कमी महसूस न हो। इसके लिये निर्धारित शेड्यूल के अनूरूप 10 घण्टे विद्युत आपूर्ति सिंचाई के लिये जरूर दी जाये। जहां पर किसानों की विद्युत आपूर्ति में समय के अनुरूप विशेष मांग हो उसका भी ख्याल रखा जाये। किसानों को नये कनेक्शन देने में और सामान की आपूर्ति में ढिलाई न बरती जाये।


उन्होने बताया कि ओटीएस के तीसरे चरण में भी 01 किलोवॉट भार तक के छोटे घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को बकाये के सरचार्ज में 80 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इसी प्रकार विद्युत चोरी के प्रकरणों में भी तीसरे चरण में 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है। सभी उपभोक्ताओं को ओटीएस के तहत किश्तों में भी भुगतान की सुविधा दी गयी है। 

योजनान्तर्गत तीसरे चरण में भी 01 किलोवाट से अधिक भार के घरेलू उपभोक्ताओं को 70 प्रतिशत, 03 किलोवाट भार तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत, 03 किलोवॉट के अधिक भार के वाणिज्यिक उपभोक्ताओ को 40 प्रतिशत, निजी संस्थानों तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों को 30 प्रतिशत की छूट मिल रही है।

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